
सभी मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज में स्थापित होगा ई ग्रन्थालय: डॉ. धन सिंह रावत
मेडिकल छात्रों का अनिवार्य रूप से होगा शत प्रतिशत पंजीकरण
विकसित होने के साथ-साथ हम डिजिटल युग की तरफ बहुत ही ज्यादा तेजी से अग्रसर होते जा रहे हैं. जैसे पहले हम कुछ भी चीज खरीदने के लिए फिजिकल कैश का प्रयोग करते थे. मगर आज हम डिजिटल कैश का भी यूज कर रहे हैं. इसी श्रेणी में अग्रसर होते हुए उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड के सभी मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेजों को ई-ग्रंथालय से जोड़ने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिए गए हैं.
सभी मेडिकल शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं का ई-ग्रंथालय में पंजीकरण किया जाएगा. ताकि सभी छात्र – छात्राएं देशभर के मेडिकल शिक्षण संस्थानों में उपलब्ध किताब, शोध पत्र और पत्रिकाओं का आसानी से अध्ययन कर सकें. अब आपको बता दे कि ई-ग्रंथालय क्या है.
ई-ग्रंथालय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के नेशनल इंफर्मेटिक्स सेन्टर (NIC) द्वारा विकसित किया गया एकीकृत लाइब्रेरी मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर है. यह एप्लिकेशन पुस्तकालयों की आंतरिक प्रवृत्तियों के ऑटोमेशन एवं विभिन्न ऑनलाइन सदस्य सेवाओं के लिए उपयोगी है. एनईपी-2020 प्रावधानों के तहत उत्तराखंड के सभी शिक्षण संस्थानों में ई-ग्रंथालय को अनिवार्य कर दिया गया है.
उत्तराखंड के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने यमुना कालोनी स्थित शासकीय आवास में चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली. उस बैठक में डॉ. रावत ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग की तर्ज पर शीघ्र ही प्रदेशभर के निजी एवं राजकीय मेडिकल कालेजों तथा नर्सिंग कॉलेजों को भी ई-ग्रन्थालय से जोड़ा जाएगा. जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गए हैं.
उन्होंने कहा कि मेडिकल शिक्षण संस्थानों के ई-ग्रन्थालय से जुड़ने से मेडिकल एवं नर्सिंग की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को इसके माध्यम से कैटलागिंग की आधुनिक डिजिटल सुविधा के साथ-साथ विभिन्न मेडिकल कालेजों, नर्सिंग कालेजों में उपलब्ध बेहतर पुस्तकें, शोध पत्रों एवं पत्रिकाओं सहित पठान-पाठन के अन्य संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे. विभागीय मंत्री ने कहा कि ई-ग्रन्थालय से सभी मेडिकल एवं नर्सिंग छात्र-छात्राओं को जोड़ने के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिए गये हैं.
इसके लिये शीघ्र ही एनआईसी अलग से एक पोर्टल तैयार करेगी. इसके बाद इसमें मेडिकल छात्र-छात्राओं का पंजीकरण किया जायेगा. डॉ. रावत ने बताया कि इससे पहले उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में ई-ग्रंथालय की स्थापना कर दी गई है, जिसमें 21 लाख से अधिक पुस्तकें उपलब्ध है. बैठक में निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, कुलसचिव मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रो. एम.के. पंत सहित एनआईसी के अधिकारी उपस्थित रहे.