- पटना के पंडारक में क्वारंटाइन किये गए मजदूरों ने खाने पीने की समस्या को लेकर जमकर किया हंगामा
- अरररिया के क्वारंटाइन सेंटर में मजदूरों ने खंडर पड़े हुए स्कूल में क्वारंटाइन सेंटर बनाने का आरोप लगाया
- मजदूरों ने बांस की डंडियाँ लगाकर नेशनल हाईवे किया जाम
दूसरे राज्यों से बिहार पहुंच रहे मजदूरों को 14 दिन के लिए अलग अलग जिलों के क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है लेकिन वहां बदइंतजामी ने राज्य की नीतीश सरकार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पटना के पंडारक इलाके में तो क्वारंटाइन किये गए मजदूरों ने खाने पीने की समस्या और गंदगी का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। हंगामे के दौरान इन मजदूरों ने क्वारंटाइन सेंटर में तोड़फोड़ भी की, आपको बता दे प्रशासन ने मजदूरों के लिए पटना के पंडारक में एक सरकारी स्कूल को क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील किया है। इस क्वारंटाइन सेंटर में दूसरे राज्यों से आये मजदूरों को 14 दिनों के लिए रखा गया है क्योंकि यदि कोई मजदूर कोरोना संक्रिमित पाया भी गया तो उसके कारण प्रदेश में किसी और को संक्रमण का खतरा न बना रहे।
क्वारंटाइन किये गए मजदूरों ने बांस की डंडियाँ लगाकर नेशनल हाईवे को भी बन्द कर दिया जिसके कारण वहां जाम लग गया। इसके बाद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मजदूरों को मनाने की भी कोशिश की और उनसे वादा किया गया कि उनकी जो भी मांगे है उन्हें पूरा किया जाएगा। ऐसी खबरें बिहार के केवल एक जिले के क्वारंटाइन सेंटर से ही नहीं आ रही है बल्कि बिहार के कई जिलों के क्वारंटाइन किये गए मजदूर बदइंतजामी का आरोप लगा रहे हैं। बिहार के अरररिया के क्वारंटाइन सेंटर में भी मजदूरों ने आरोप लगाया कि क्वारंटाइन सेंटर के नाम पर उन्हें एक खंडर हो चुके स्कूल में ठहरा दिया गया, जिसके बाद मजदूर इसके विरोध में सड़कों पर उतर आए। मजदूरों ने पुलिस की गाड़ी को घेरकर नारेबाजी भी की और प्रशासन पर सड़ा हुआ खाना देने का आरोप भी लगाया।