पूर्वी लद्दाख में LAC पर चीन के साथ बीते एक साल से सैन्य गतिरोध जारी है। इस बीच अरुणाचल प्रदेश से लगी उत्तरी सीमा पर सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने सेना की ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान सेना प्रमुख ने सैनिकों की खूब तारीफ भी की। लेकिन उन्होंने सैनिकों को चीनी गतिविधियों से अलर्ट रहने को भी कहा। हाल के दिनों में चीनी सेना की गतिविधियां LAC पर बढ़ रही है। इसी को मध्यनजर रखते हुए सेना प्रमुख दो दिन के दौरे पर अरुणाचल सिक्किम से लगी सीमाओं का जायजा लेने पहुंचे। गुरुवार को पहले दिन दीमापुर पहुंचकर उन्होंने चीन से लगी सीमाओं पर सेना की ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की। फिर शुक्रवार को वह म्यांमार से लगी सीमाओं का जायजा लेने पहुंचे।
सीमा पर चीन के साथ सैन्य गतिरोध के चलते भारतीय सेना सतर्कता में कोई गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहती। खासकर अरुणाचल और सिक्किम में चीन के साथ लगी सीमाओं पर। चीन अपनी खुराफात हरकतों से कभी बाज नहीं आता। सेना प्रमुख ने कहा हमारी चीन की हर गतिविधी पर नजर है। चीन द्वारा किसी भी कार्यवाही से निपटने के लिए सेना हमेशा तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि सीमा पर भारत अपनी सैनिकों की तैनाती तब तक कम नहीं करेगा जब तक चीन पीछे नहीं हट जाता।
भारत चीन को न सिर्फ सीमा पर करारा जवाब दे रहा है बल्कि कूटनीति स्तर पर भी चीन को कठोर संदेश दिए है। विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने साफ कह दिया है कि चीन के साथ सहयोगपूर्ण रिश्ते तब तक संभव नहीं जब तक वह LAC पर तनाव खत्म नहीं करता। सीमा के अलावा भारत ने आर्थिक मोर्चों पर भी चीन को काफी चोंट पहुंचाई है। चीन के साथ कारोबार पर ब्रेक लगा दिया है। भारत ने कुछ ऐसे कड़े नियम बनाए हैं जिससे कई चीनी कंपनियों के लिए रास्ते बन्द कर दिए हैं। इसके कारण कई चीनी टेक कंपनियों को अपना कारोबार बन्द करना पड़ा है।