राजधानी दिल्ली:- मंगलवार को 10 घण्टे तक चली चीन और भारत के बीच कोर कमांडर की बैठक में लद्धाख में एल ए सी में भिड़ंत वाली जगहों पर दोनों तरफ के सैनिकों को पीछे करना मुख्य मुद्दा था।सूत्रों से पता लग पाया है कि दोनों देशों के कमांडर स्तर के बीच वार्तालाप एल ऐ सी के सामने ही चुशुल एरिया में हुआ.
बता दें कि यह वार्ता सुबह के 11 बजे से शुरू की गई वहीं रात को 9 बजे के आसपास खत्म हुई भारत की ओर से कोरे कमांडर का प्रतिनिधित्व लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने की जबकि चीन की ओर से प्रतिनिधित्व मेजर लियू लीन ने किया जो तिब्बत सैन्य जिले के मेजर हैं।
भारतीय ओर से यह पूरी कोशिश की गई कि दोनों पक्षो की ओर से आने वाले समय में ऐसी किसी घटना को अंजाम न दिया जाय। लेकिन अब चीन को देखा जाएगा कि वह इस बैठक के सिद्धांतों का कितना पालन करता है। वहीं विस्वास बहाली के उपायों पर भी वार्ता की गई।
पहले जो दो बैठके भारत चीन के बीच में हुई थी।उसमें पांगोंग झील ओर गलवान वैली से चीनी सैनिकों वापसी को लेकर गम्भीर बातचीत हुई थी। उस समय 2 से 4 किलोमीटर तक सैनिको को पीछे हटाने पर फोकस किया गया था लेकिन दोनों ही देश लगातार सीमा पर तैनाती बढ़ाते जा रहे हैं। और इस सारे फ़साद की जड़ चीन को ठहराना शायद उचित होगा क्योंकि चीन ही दूसरे देशों पर अतिक्रमण करना चाहता है लेकिन शायद अब उसको अपनी इस नापाक हरकत का जवाब जल्द ही मिलने वाला है। इसी के चलते संभावना जताई जा रही है कि यह तनाव सर्दी शुरू होने तक चलेगा अर्थात अक्टूबर या नवंबर तक जब लद्धाख जैसे इलाकों पर कड़ाके की ठंड पड़ जाती है इसी ठंड के चलते दोनों देश अपने अपने सैनिकों की वापसी करा सकते हैं।