72 हजार अमेरिकी असाल्ट राइफल खरीदेगी भारतीय सेना,मौजूदा हथियारों की जगह करेगी इनका इस्तेमाल…

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Indian army to place order for 72400 american assult rifles

भारत चीन का तनाव कभी बढ़ रहा है तो कभी एकदम खत्म होता दिखाई दे रहा है। लेकिन दोस्तो चीन की चाल से तो आप भली भांति वाकिफ है। एक ओर वह दूसरे देशों से चिकनी चुपड़ी बातें करता है वहीं दूसरी ओर अलग सी चाल चलकर जमीन हड़पने की कोशिश करता है। लेकिन उसकी इस चाल का पूर्वानुमान भारत को अच्छी तरह से हो चुका है और भारत चीन को चारों खाने चित करना जान चुका है इसलिए भारत के रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से 72 हज़ार मिग 716 असॉल्ट राइफल्स की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक़ पता चला है कि रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हम ससस्त्र सेना बलों के लिए 72 हज़ार असॉल्ट राइफल्स का आर्डर कर रहे हैं।

एक योजना के मुताबिक आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए औऱ सीमा रेखा पर उपस्थित सैनिकों के लिये लगभग 1.5 लाख इम्पोर्ट करी गयी राइफल्स का प्रयोग होना था तथा अन्य सेनाओ के लिए ak-203 राइफल्स दिए जाएंगे जो कि अमेठी आयुध कारखाने में भारत और रूस के संयोग से बनाई जाएंगी। भारतीय सेना को इन राइफल्स को लेकर कई सालों से काफी दिक्कते हो रही थी लेकिन शायद इनसे अब निजात मिल जाये भारत को। वहीं भारत ने 16,000 लाइट मशीन गन के लिए इज़राइल से भी मदद की गुहार लगाई है। लेकिन जो खबर आई थी उससे हमने आपको रूबरू करवा दिया लेकिन दोस्तों दैनिक सर्किल आपको एक छोटा सा मैसेज देना चाहता है। यदि आप कोई स्टूडेंट हैं तो ठीक हैं यदि आप पेरेंट्स हैं तब भी यह आपके लिए कारगर साबित हो सकता है।क्या है दैनिक सर्किल का संदेश जानिए|यह भी पढ़े:इस बार यूथ फाउंडेशन ने दिए गड़वाल राइफल को 180 नौजवान,ये सभी जवान भारतीय सेना में हुए शामिल

दोस्तों आज भारत दूसरे देशों पर इतना निर्भर क्यों है इस विषय पर जरा सोचिए। क्यों8 हम दूसरे देशों से मदद की गुहार लगाते हैं जबकि हमारे भारत में ही कई ऐसे लोग हो सकते हैं जो दिमागी रूप से काफी तेज हों लेकिन सही बताये हम लोग आजकल आलसी हो गए है। क्या होगा अगर भारत में ही बहुत सी समान का उत्पादन होने लगे लेकिन यह बात शायद तब सच हो जब हम लोग मोबाइल से आगे कुछ सोचे भारत के युवा और बच्चे बस गेम का शिकार हैं। वहीं कुछ लड़कियां टिक टोक पर जमके टाइम पास करती नज़र आजायेगी भारत की। दोस्तों सभी लोग नहीं हो सकते इसलिए कुछ बोल रहे हैं क्योंकि कुछ का मतलब सब नहीं होता इसलिए अगर आपको बुरा लगे तो क्षमा चाहते हैं। जब भी की भारत दूसरे देशों पर निर्भरता की बात सामने आती है दोस्तों हमको भी दुख होता है हां इम्पोर्ट करना अच्छी बात है लेकिन उसके बदले में एक्सपोर्ट भी तो आवश्यक है। खैर छोड़ो समझने वाले समझ गए होंगे वैसे इसके लिए एक दिन अलग से बात होगी।

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