कश्मीर में जून से लेकर अब तक 11 अलग-अलग ऑपरेशन में कम से कम 30 आतंकवादी मारे गए हैं। आपको बता दें, मंगलवार को भी पुलवामा में सुबह सुबह CRPF जवानों ने 2 आतंकवादियों को ढेर कर दिया है। हालांकि इस मुठभेड़ में 1 जवान भी शहीद हुए। रविवार को श्रीनगर में हथियार उठाने वाले तीन लड़के मारे गए। इस वर्ष अब तक हुई मुठभेड़ों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे जा चुके हैं।
जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “अब तक बहुत सारे ऑपेरशन किये जा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर ऑपरेशन सफल रहे हैं। एक आतंकवादी को बेअसर (neutralise) करना हमें कोई ख़ुशी नहीं देता। लेकिन तथ्य यह है कि जिस व्यक्ति के पास बंदूक हो, वह सभी के लिए खतरा है। हम इस खतरे को अनदेखा नहीं कर सकते। हालांकि, मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि अब आतंकवादी संगठन में बहुत कम नए लोग जुड़ रहे हैं, और इसमें बहुत तेजी से गिरावट आई है।”
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5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाने के बड़े फैसले के बाद घाटी में आतंकवाद बढ़ने की संभावनाओं को लेकर आशंकाएं थीं। सूत्रों का मानना है कि नियंत्रण रेखा (LoC) के पार से अपने आदमियों को धकेलने के लिए आतंकी समूहों द्वारा कई कोशिश की गई। कई घुसपैठ सफल भी रहीं। लेकिन अब भारतीय सेना आतंकवादियों को ढूंड-ढूंड कर उन्हें मौत के घाट उतार रही है।