- MCD के अध्यापकों ने दिल्ली सरकार के सामने PPE किट मुहैया करवाने की मांग की
- केजरीवाल सरकार ने ड्यूटी के दौरान कोरोना से मरने वाले MCD के शिक्षकों के परिवारजनों को एक एक करोड़ देने की मांग को स्वीकार किया
- शिक्षकों की मांग है कि उनका समय समय पर थर्मल स्कैनिंग और हर 15 दिन में उनका कोरोना टेस्ट हो
कोरोना संकट के बीच दिल्ली में MCD शिक्षक संघ ने ड्यूटी करने के लिए दिल्ली सरकार के सामने कई शर्तें रखीं। MCD के शिक्षकों की ड्यूटी दिल्ली में जरूरतमंदों को अनाज बांटने में लगी है और कुछ दिन पहले ड्यूटी करने वाली एक टीचर की 4 मई को कोरोना की चपेट में आने से मौत हो गयी थी। इसके बाद रासन बांटने की ड्यूटी कर रहे MCD के अध्यापक परेशान नज़र आये और उन्होंने दिल्ली सरकार के सामने कई शर्तें रख दी। अध्यापकों ने कहा उन्हें PPE किट मुहैया करवाई जाए और साथ साथ उनकी थर्मल स्कैनिंग भी की जाए। दिल्ली सरकार की जन योजना आहार के तहत MCD स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों को रासन बांटने की जिम्मेदारी मिली और ये अध्यापक स्कूल की कक्षा में जमीन पर बैठकर अनाज बांटते नज़र आये।
आपको बता दे कि 4 मई को एक अध्यापक की मौत के बाद दूसरे टीचर घबरा गए और उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी लिखी और मांग की कि सरकार द्वारा उन्हें रासन बांटने की ड्यूटी से हटाया जाए और अगर सरकार ऐसा नहीं करती तो सरकार को उनकी कई शर्तें पूरी करनी होगी। MCD के अध्यापकों की सबसे अहम शर्त यह है कि उन्हें PPE किट दी जाए और समय समय पर उनकी थर्मल स्क्रीनिंग भी करवाई जाए। अध्यापकों ने यह भी मांग की कि सरकार हर 15 दिन में उनका कोरोना टेस्ट करवाये और अगर ड्यूटी के दौरान किसी टीचर की कोरोना से मौत होती है तो उसके परिवार को एक करोड़ रुपये की मदद और परिवार के किसी एक सदस्य को स्थायी नौकरी दी जाए हालांकि सरकार ने मृतक के परिवारों को एक एक करोड़ देने की मांग को स्वीकार