लगातार रामानंद सागर की रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने रामायण के पर्दे के पीछे के ऐसे ऐसे सीन्स को सोशल मीडिया के जरिए शेयर किया है जो हमको देखने में तो आसान लगते हैं लेकिन पर्दे के पीछे की सच्चाई कुछ और ही कहती है। इसी तरह सुनील लहरी ने एक ओर सीन को लोगों के साथ साझा किया है जिसमें उन्होंने बताया कि रामायण में कैसे बिना आग के अग्निपरीक्षा को सम्पन्न किया गया। हां दोस्तों देखते हैं क्या कह रहे हैं सुनील लहरी जी|
आखिर कैसे शूट की गई सीता की अग्निपरीक्षा
सुनील लहरी जी बताते हैं कि जो दृश्य अग्निपरीक्षा का था दरहशल वह डबल शॉट में लिया गया था। पहले आग का पार्ट लिया गया था तत्पश्यात सीता का शॉट लिया गया था। इसके बाद दोनों ही पार्ट्स को विलय कर लिया (मिलां लिया)गया था।
हां दोस्तों हमको भी वास्तव में यह बात पता नहीं थी और शायद पूरी रामयँ देखने के बाद अपने इसमें गौर किया हो खैर छोड़ो इसके अलावा लहरी जी ने सीता हरण में प्रयुक्त रावण के पुष्पक विमान पर भी चर्चा की उन्होंने बताया कि पुष्पक विमान की रूपरेखा तैयार करना हमारे लिए मुश्किलों का काम शाबित हुआ लेकिन काफी पुरानी किताबों में हमने पुष्पक विमान के कई चित्रों को खंगाला फलस्वरूप हमको इसके चित्र प्राप्त हुआ जिसे आप ओर हम लोगों ने tv पर तो देखा ही होगा अगर नहीं देखा तो आप गूगल यूट्यूब पर जाकर देख सकते हैं।लहरी जी ने इसके अलावा बताया कि शूटिंग ट्रोमा में कई गयी थी।
लहरी जी पुष्पक विमान का संबंध हवाई जहाज़ से करते हुए बताया कि कहीं न कहीं हवाई जहाज़ के आविष्कार के पीछे पुष्पक विमान यानी रामायण का रिफ्रेंस लिया गया होगा क्योंकि हवाई जहाज़ का आविष्कार अभी ज्यादा पुराना नहीं है । जबकि रामायण जो हज़ारों साल पुरानी है उसमें भी आप हवाई जहाज़ यानी पुष्पक विमान को देख सकते हैं।
Ramayan 60 shooting Ke Piche Ki Kuch Ankahi chatpati baten pic.twitter.com/5nLDMxBdMR
— Sunil lahri (@LahriSunil) July 5, 2020
रामायण के बिहाइंड ऑफ द सीन को बताने से पहले लहरी जी ने लोगों को आज गुरु पूर्णिमा की बधाई दी उन्होंने बोला कि की मेरा मानना है की मानव हो या पशु उसकी सबसे पहली होती है उसकी माँ इसलिये सबसे पहले मेरी ओर से सभी माताओं को गुरु पूर्णिमा की बधाई। बता दें कि दूरदर्शन में रामायण खत्म होने के बाद अब colours पर दिखाई जा रही थी जिसमें भी अब उत्तर रामायण शुरू होने जा रही है।
धन्यवाद