सूत्रों के मुताबिक चीन में एक और वायरस का संक्रमण फैल रहा है। SFTS नाम से यह वायरस जाना जाता है। और साथ ही इसे बुन्या वायरस के नाम से भी जाना जाता है। बतया जा रहा है कि मकड़ी जैसे दिखने वाले जीव टिक के काटने के कारण यह फैलता है। सूत्रों के मुताबिक चीन में इस वायरस के कारण 7 की मौत हो चुकी है। और अब तक 60 लोग इस वायरस की चपेट मे आ चुके है I बीते 6 महीने में चीन की मीडिया के मुताबिक पूर्वी चीन के जिआंगसु प्रांत के 37 लोग SFTS वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इतना ही नहीं साथ ही पूर्वी चीन के अनहुई प्रांत में 23 लोग और संक्रमित पाए गए।
चीन मीडिया के मुताबिक SFTS वायरस नया नहीं
चीनी मीडिया ने दवा किया है कि, एसएफटीएस वायरस नया नहीं है। एसएफटीएस बुन्यावायरस (Bunyavirus) की कैटेगरी का है I चीन के वैज्ञानिकों द्वारा 2011 में इस वायरस को अलग किया था।
पसीने से संक्रमण का खतरा
चीन के झेजियांग यूनिवर्सिटी के हॉस्पिटल में काम करने वाले डॉ. शेंग जिफांग के मुताबिक, संक्रमित मरीज के ब्लड और पसीने से SFTS वायरस फैलने की आशंका हैI इस वायरस का संक्रमण एक से दूसरे इंसान में फैल सकता है। और साथ ही उनका कहना यह भी है कि अभी स्थिति नियंत्रण में है।
कुछ खास तारक:-
● टिक एक मकड़ी जौसा जीव इंसान को काटता हैI तो संक्रमण फैलने लगता है I और साथ ही संक्रमित मरीज के ब्लड और पसीने से SFTS वायरस फैलता है I
●यह वायरस सीवियर फीवर विद थ्रोम्बोसायटोपीनिया सिंड्रोम का कारण है। इसी कारण यह SFTS वायरस नाम से जाना जाता है I
●बुखार आना, साथ ही प्लेटलेट्स और ल्यूकोसाइटस तेजी से गिरना वायरस के प्रमुख लक्षण हैं।
●चीन के एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह संक्रमित इंसान के ब्लड और पसीने के जरिए दूसरे इंसान में फैल सकता है।
●चीन की स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी के मुताबिक, इससे
मौत का खतरा 12% तक हैI और साथ ही अब तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं तैयार की जा सकी है।
●बुखार आना, प्लेटलेट्स और ल्यूकोसाइटस तेजी से गिरना इस वायरस के प्रमुख लक्षण हैं।
● अपनी सुरक्षा के लिए संक्रमित लोगों से दूरी बनाए। जंगल और झाड़ी वाले इलाकों मे सबसे ज्यादा टिक पाए जाते हैं। इसलिए जंगल और झाड़ियों से भी दूरी बनाए रखे I