कोयले की खदान में काम करते थे पिता, फौज में जाने का था सपना, किस्मत ने बना दिया क्रिकेटर…

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Success story of Indian cricketer Umesh Yadav
Success story of Indian cricketer Umesh Yadav (Image Credit: Social Media)

मां की कोख में 9 महीने रहने के बाद बच्चे का पहला मित्र उसके पिता होते हैं. जिनकी छाया में वहां रहना और जिनकी उंगली पकड़ के चलना वह सीखता है. एक बच्चा चाहे कितना भी बड़ा क्यों ना हो जाए. उसके लिए उसकी माता और पिता दोनों की अहमियत कम नहीं होती है. दोनों मैं से एक भी अगर दूर हो जाए तो बच्चा एक असहनीय दुख में डूब जाता है.

Success story of Indian cricketer Umesh Yadav
Success story of Indian cricketer Umesh Yadav (Image Credit: Social Media)

ऐसे ही दुख का सामना आजकल हमारे भारतीय क्रिकेटर उमेश यादव को करना पड़ रहा है. उमेश यादव इस दुख के कारण अगले दो टेस्ट मैच में टीम इंडिया से अपना नाम वापस ले सकते हैं. बता दे भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हो रही टेस्ट सीरीज के दौरान भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव के पिता का निधन हो चुका है.

Success story of Indian cricketer Umesh Yadav
Success story of Indian cricketer Umesh Yadav (Image Credit: Social Media)

उमेश यादव के पिता तिलक यादव बहुत लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनका इलाज एक प्राइवेट हॉस्पिटल में हो रहा था. स्वास्थ्य में सुधार ना होने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें घर ले जाने की सलाह दी थी. जिसके बाद घर में ही देखभाल के दौरान उनका निधन हो गया. उनकी उम्र 74 साल थी.

Success story of Indian cricketer Umesh Yadav
Success story of Indian cricketer Umesh Yadav (Image Credit: Social Media)

उमेश यादव के पिता तिलक यादव उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रहने वाले थे. अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश छोड़कर नागपुर आना पड़ा.जहां वह एक कोयले की खदान में काम किया करते थे. तिलक यादव चाहते थे कि उमेश यादव पुलिस में भर्ती हो. लेकिन उमेश यादव ने क्रिकेट को अपना करियर चुना.

उमेश यादव भारतीय क्रिकेट के एक सीनियर गेंदबाज है. लेकिन उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम की तरफ से खेलने का मौका बहुत ही कम मिलता है. इस वर्ष भी उमेश यादव सिर्फ टेस्ट क्रिकेट की टीम की प्लेइंग इलेवन में ही देखने को मिले. लेकिन इस निजी क्षति के कारण वह शायद आगे के आने वाले टेस्ट मैच भी ना खेल पाए. उन्हें इस निजी क्षति से उबरने में भी थोड़ा वक्त लग सकता है.

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