21वीं सदी में जहां अधुकनिकता के लिहाजे से नई नई खोजों का विकास हो रहा है। इंटरनेट की 4g स्पीड को 5G में तब्दील किया जा रहा। जहां लोग नई नई तकनीकों के आधार पर चंद्रमा पर रहने के लिये कदम बढ़ा चुके हैं वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में कई जगह ऐसी भी हैं जहां अभी तक बिजली का अभाव देखा जा सकता है। दोस्तों कल्पना कीजिये उन लोगों की जहां हाल ही में बिजली पहुंची हो उन लोगों के लिये बिजली क्या नयी चीज़ होगी। दरहसल ऐसी ही स्थिति बनी है उत्तराखंड के चमोली जिले के एक गांव में। जहां कुछ दिन पूर्व में ही बिजली पहुंची है।
उत्तराखंड में न जाने कितनी सरकारें आयी और कितनी चली गयी,बोलते है उत्तराखंड को ऊर्जा का प्रदेश लेकिन संदेश उन सरकारों को जो आयी पैसे मारे औऱ चली गयी लेकिन इन दूर दराज के गांवों में तनिक भी नही सोचा।लम्बे वक्त से चमोली जिले के कूलिंग गांव के लोग अपने पैतृक गांव के लिये सरकार से बिजली की मांग कर रहे थे आज उनकी यही मांग पूरी हो चुकी है। देदीना के तोक में बिजली आने से गांव वासियों के चेहरे पर मुस्कान की लहर आ पड़ी। हो भी क्यों न दोस्तों इन लोगों के पास 70 साल से बिज़ली नहीं है। गांव के लोगों ने विधुत विभाग की टीम औऱ सरकार का शुक्रिया अदा किया।
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बिजली पहुंचने के बर्फ यहां के लोगों खुशी की लहर दौड़ पड़ी। भले ही यहां के लोगों को आज बिजली की समस्या से निजात मिल गयी हो लेकिन उत्तराखंड की सरकार के उन वादों का क्या जो उन्होंने लोगों से वोट मांगने से पहले किये थे। जब सरकार ही राज्य के विकास के लिये कुछ नहीं सोचती तो पलायन नहीं होगा तो क्या होगा। सरकार पर निर्भरता ही खत्म करनी पड़ेगी कुछ ऐसे लोगों को उत्तराखंड का मार्ग दर्शन करना चाहिए जो वास्तव में उत्तराखंड के लिये कुछ कर दिखाए।