मध्य प्रदेश सरकार ने सोमवार को कोरोनोवायरस की स्थिति को देखते हुए परीक्षा आयोजित किए बिना 1st और 2nd ईयर के छात्रों को पिछले वर्ष या सेमेस्टर के अंकों के आधार पर पास करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ साथ पोस्ट ग्रेजुएशन के दूसरे सेमेस्टर के छात्रों पर भी यही नियम लागू होगा।
दरअसल सोमवार शाम को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया। हालांकि स्कूल खोलने के बारे में एक निर्णय 31 जुलाई को लिया जाएगा।
एक अधिकारी ने कहा कि सरकार अंडर ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर के छात्रों और पोस्ट ग्रेजुएशन के 4th सेमेस्टर के छात्रों को भो पिछले वर्षों या सेमेस्टर के दौरान उनके द्वारा प्राप्त किये गए हाईएस्ट मार्क्स (highest marks) के आधार पर पास किया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि फाइनल ईयर या सेमेस्टर के जो भी छात्र परीक्षा देकर अपने अंक सुधारना चाहते हैं। उनके पास बाद में ऑफलाइन परीक्षा देने का विकल्प होगा।
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राज्य में वर्तमान में अंडर और पोस्ट ग्रेजुएट के कुल 17.77 लाख छात्र हैं। अधिकारी ने यह भी बताया कि कक्षा 10 और 12 की परीक्षा पूरी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जुलाई के पहले सप्ताह में कक्षा 10 के परिणाम (result) और जुलाई के तीसरे सप्ताह में 12 वीं कक्षा के परिणाम (result) आने की उम्मीद है।