आज के दौर में डिप्रेसन हमारी युवा पीढ़ी को अपने कुचक्र में खींचता जा रहा है। हम किसको भुलाने की कोशिश तो करते हैं लेकिन एक नई खबर के रूप में ये अपने पैर पसार देता है। हां दोस्तों एक किसी इंसान की बाहरी मुस्कुराहट के पीछे कितने दुखों का पहाड़ पैर जमाएं बैठे हैं ये कोई दूसरा शक्श नहीं जानता। लोग पढ़े लिखे होने के बावजूद भी न जाने किस कारण से मौत को गले लगा लेते हैं। सुसाइड एक क्राइम है लेकिन आज कल की युवाशक्ति पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ा है वे बिना अपनी जिंदगी में बिना कुछ सोचे समझे मौत को गले लगा रहें है।
युवाओं की ज़िंदगी में न जाने कितनी परेशानियां हो सकती हैं लेकिन पढ़े लिखे होने के बावजूद समझदार इंसान होने के बावजूद उनकी परेशानी का हल कुछ अन्य ऑप्शन न होकर होता है खुदखुशी।अगर वे अपनी परेशानियों को परिवार जनों के साथ बांटना नहीं जानते चाहे परेशानियां कैसी भी हो हमारा परिवार या दोस्त हमे उस परेशानी से निकाल ज़रूर सकते हैं लेकिन इन सबको पीछे छोड़ते हुए इन लोगों को दिखता है तो सिर्फ मौत।दरहशल उत्तराखंड की एक महिला कॉन्स्टेबल भी कुछ इसी घटना का शिकार हुई उन्होंने मौत को गले लगाते हुवे कई सवाल छोड़ दिये हैं आखिर क्या है मामला पढिये आगे।यह भी पढ़े:नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली के इस्तीफे की मांग के चलते, इसी बीच नेपाल ने सीमा से हटाई दो चौकियां
उत्तराखंड की महिला कॉन्सटेबल ने रविवार की रात को फांसी लगाकर स्वयं को मौत के हवाले शौंप दिया। हालांकि इनकी खुदखुशी का पुख्ता कारण पता नहीं चला है। मृतक का नाम मंजीता है ओर यह पूरी वारदात उत्तराखंड के जिला हरिद्वार के झबरेड़ा की है।ये देहरादून से belong करती थी जो 2016 में हरिद्वार के झबरेड़ा थाने मैं कॉन्सटेबल के पद पर नियुक्त हुई थी। मँजिता ने न कोई नोट छोड़ा है न कोई कारण पता चला है खुदखुशी का। जब से यह खबर सामने आई तो पुलिस प्रशासन मैं हड़कम्प मज़ा हुआ है। आगे पढ़िए
रविवार की शाम को किसी कार्य के लिए झबरेड़ा थाने से मँजिता को फोन किया गया लेकिन जब मँजिता की ओर से कोई रिस्पांस नहीं आया तो एक पुलिस कर्मी उनको बुलाने के लिए सरकारी कमरे तक पहुंचा।उसने देखा कि मँजिता का शव किचन में एक फंदे से लटका हुआ है तत्पस्यात उसने पुलिस प्रशासन को सूचित किया फिर लड़की के शव को बाहर निकाला गया और पोस्ट मार्टम के लिए शिविल अस्पताल रुड़की ले जाया गया। वहां sp कृष्ण राज ने अवगत कराया कि आत्महत्या की कोई जानकारी नहीं मिली है। हालांकि पड़ताल जारी है और जल्द पता लगाया जाएगा कि आखिर पूरा मामला है क्या ?? इस घटना के बाद परिवार में मातम पसरा हुआ है। बता दें कि मँजिता किसी पारिवारिक माहौल से परेशान नही थी दोस्तों खैर कुछ भी हो इस प्रकार का कदम उठाना कतई लाज़मीं नहीं है। आशा करते हैं इस प्रकार की घटनाओं से निजात मिल सके । दैनिक सर्कल की टीम की ओर से इनके परिवार को भगवान दुख से लड़ने की शक्ति दे ।