Uttrakhand News: अब उत्तराखंड में भी टिड्डी डल का हमला,सभी किसानों में देहशत का माहौल,पड़े पूरी खबर…..

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Loctus attack in nanital Champawat and udham Singh Nagar

टिड्डे किसानों की उम्मीदों पर पानी फेरने के लिये वैसे तो कई प्राकृतिक कारण होते हैं। कभी भारी बारिश किसान भाइयों की नींद उड़ा देती है। कभी ओला वृष्टि,कभी सूखा,ऐसे ही बहुत से अन्य करण हैं जो किसानों के लिए परेशानी बने हुए है। इन्ही मेसे एक है फसलों को बर्बाद करने वाले कीट। जो किसानों की मेहनत को पूरी तरह बर्बाद कर के रख देते हैं। बड़ी खबर है उत्तराखंड राज्य के लिये, कि टिड्डों का समूह राजस्थान उत्तरप्रदेश में कोहराम मचाने के बाद अब उत्तराखंड के कुछ जिलों में दस्तक दे रहें है।

उत्तराखंड के चंपावत और उधम सिंह नगर जिले में शुक्रवार की शाम को भारी मात्रा में टिड्डे देखे गए। लोगों का मानना है कि यह टिड्डे चंपावत में तो नेपाल से आये लेकिन उधम सिंह नगर में उत्तरप्रदेश राज्य की ओर से। बता दें कि उधम सिंह नगर में जहां इन टिड्डों को देखा गया उस जगह का नाम है सितारगंज वहीं इसके साथ यह भी दावा किया जा रहा है कि इन टिड्डों के द्वारा काफी मात्रा में फसल बर्बाद की गई है।

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चंपावत जिले के नेपाल के साथ लगने वाले इलाके टनकपुर और बनबसा में टिड्डों के झुंड को देखने के बाद वहां के कृषि अधिकारी वहां मौके पर पहुंच गए। इतना ही नहीं मित्रों टिड्डों का झुंड अब इन इलाकों से माइग्रेट करके आगे की ओर गमन कर रहा है। सितारगंज के दो गावों में शाम के समय बड़ी मात्रा में टिड्डे देखे गए। यहां के किसानों को डर है कि उनकी इतनी मेहनत करके उगाई गयी फसल को टिड्डे पल भर में खत्म न करदे। अभी बताया जा रहा है कि ये टिड्डे कुछ मैदानी इलाकों में घुस कर फसल नष्ट कर सकते हैं। आप से सोच रहे होंगे कि यह कैसी मज़ाकिया खबर है लेकिन मज़ाक बिल्कुल भी नहीं है दोस्तों वास्तव में टिड्डे चंद मिनटों में खेतों की पूरी फसल बर्बाद कर सकते है। इनसे बचने के कुछ उपाय विशेषज्ञों ने दिए हैं। उनका कहना है कि इन टिड्डों से छुटकारा पाने हेतु खेतों में धुआं लगाया जाए,कीटनाशक प्रयोग में लाएं या तेज़ गंध वाली दवाइयों का छिड़काव करें ।अंत में दोस्तों हम जो कुछ भी हैं अपने किसान भाइयों के कारण हैं क्योंकि अन्न हमारे लिए कितना आवश्यक है। और ऐसी परिस्थिति में हम किसानों का साथ किसी भी माध्य्म के जरिये दें सके तो हम ततपर रहेंगे।

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