बुधवार को ओडिशा के जंगलों में एक तीन वर्षीय नर हाथी का शव मिला जिसपर कई सारी गोलियां चलाई हुई थी। वन अधिकारियों का कहना है कि हाथी को शिकारियों ने मार डाला था।
दरअसल बौध जिले के माधापुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत मुंडेश्वरा जंगल के पास दकापड़ार गांव की कुछ महिलाओं जंगल में मशरुम लेने गई थी। तभी उन महिलाओं ने एक मृतक हाथी को देखा जिसके ऊपर कई गोलियां चल रखी थी। हालाँकि शव को जब्त करने वाले वन अधिकारियों ने कहा कि इसकी मौत 2-3 दिन पहले हुई होगी।
आपको बता दें, बीते कुछ दिनों के अंतराल में अवैध शिकार का यह तीसरा मामला है जिसमें अब तक चार हाथियों की मौत हुई है। इससे पहले, जंगली सूअरों को फंसाने के लिए शिकारियों ने लाइववायर (Livewire) लगाये हुए थे। लेकिन इसके संपर्क में आने से तीन हाथियों- एक नर, एक मादा और एक हाथी के बच्चे की मौत हो गई थी। 14 जून को क्योंझर (keonjhar) जिले में वन अधिकारियों को एक नर और मादा हाथी के शव मिले। उसमें वन अधिकारियों ने पाया कि नर हाथी के दांत (Tusk) शिकारियों ने निकाल रखे थे। नर हाथी 22 वर्ष का बताया जा रहा है।
वन अधिकारियों की जांच के बाद, कोन्झार वन विभाग ने लापरवाही करने के लिए पर वनपाल (forester) और एक वनरक्षक (forest guard) को निलंबित कर दिया। 12 जून को, सुंदरगढ़ जिले में भी इसी तरह की परिस्थितियों में एक हाथी के बच्चे की मौत हो गई थी, क्योंकि यह भी लाइववायर के संपर्क में आया था।
वन्यजीव संरक्षणवादियों ने आरोप लगाया कि अप्रैल 2019 के बाद से, ओडिशा में 50% हाथियों की मौत अप्राकृतिक (unnatural) कारणों से हुई है। वन्यजीव संरक्षणवादी विश्वजीत मोहंती ने कहा कि “सबसे ज्यादा मौत वयस्क हाथियों की हुई है। राज्य में तेजी से वयस्क नर हाथी कम होते जा रहे हैं, हर साल लगभग 20 वयस्क हाथी मारे जा रहे हैं।”