भारत के विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने खुलासा किया है कि कैसे वह भारतीय टीम के लिए एक विकेट ले सकते थे, लेकिन उनके एक साथी खिलाड़ी द्वारा कैच छोड़ने के कारण उन्हें विकेट नहीं मिल पाई।
पार्थिव ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 91 गेंदे फेंकी है। साल 2002 में इंग्लैंड के दौरे के दौरान दोनों टीमों के बीच पहले एक अभ्यास मैच हुआ था। मैच में पार्थिव को भी गेंदबाजी करने का मौका मिला और वह एक विकेट लेने के करीब भी पहुंच गए थे, लेकिन अजीत अगरकर ने कैच छोड़ा जिसके कारण पार्थिव को विकेट नहीं मिल पाई।
पार्थिव ने ESPNCricinfo के साथ बातचीत में कहा कि टी टाइम (Tea Time) के बाद अक्सर वो गेंदबाजी करते हैं क्योंकि उस समय मैच में कुछ खास होता नहीं है और इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम अभ्यास मैच खेल रहे थी। पार्थिव ने कहा टी टाइम के बाद उन्हें गेंदबाजी करने को कहा गया और जब वह गेंदबाजी कर रहे थे तो उनकी गेंद पर अजित अगरकर ने रवि बोपारा का कैच छोड़ दिया, जिसके कारण वह विकेट नहीं ले पाए।
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गुजरात के लिए अपना प्रारंभिक क्रिकेट खेलने वाले पार्थिव ने खुलासा किया कि जब वह बड़े हो रहे थे तो वह बड़ौदा के विकेटकीपरों नयन मोंगिया और किरण मोरे की ओर देखते थे और उन्हें अपना आइडल (Idol) मानते थे।