उत्तराखंड में 15 साल पुराने सरकारी वाहनों को स्क्रैप करने के लिए योजना बनाई जा रही है. लेकिन इस योजना पर कार्य अभी तक नहीं हो पाया. लेकिन सरकार ने अब 15 साल पुराने सरकारी वाहनों को स्क्रैप करने के लिए पॉलिसी जारी कर दी है. इन वाहनों को निकालना जरूरी है क्योंकि इनके द्वारा ही| प्रदूषण फैलता है और यह वातावरण के लिए भी अच्छे नहीं है. यातायात को बेहतर बनाने और सुचारू रूप से चलाने के लिए ही इस फैसले को लिया गया है.
बता दें कि स्क्रैप पॉलिसी ना होने के कारण 3 महीने से यह निर्णय पेंडिंग पड़ा है.बीते 19 जुलाई को परिवहन सचिव द्वारा स्क्रैप पॉलिसी जारी कर दी गई है.उन्होंने बताया है कि पॉलिसी के तहत इस्पात मंत्रालय के पोर्टल के द्वारा से कराए जाने की व्यवस्था की गई है.
उनके अनुसार जो भी परिवहन 15 साल से पुराने होते हैं उन्हें एमएसटीसी यानी कि मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉरपोरेशन पर बोली लगाने का विकल्प मिला है. हल्द्वानी के एआरटीओ विमल पांडे का कहना है कि हल्द्वानी में स्क्रैप पॉलिसी की शुरुआत कर दी गई है. हल्द्वानी में ऐसे वाहनों की जांच की जाएगी जो 15 साल से पुराने हैं.
जानकारी के अनुसार अभी तक 300 ऐसे सरकारी वाहन है जो 15 साल से पुराने हैं. बता दें कि उत्तराखंड में हर साल करीब 300 सरकारी वाहन 15 साल की आयु पूरी करते हैं. जिसके चलते सरकार को इन वाहनों को निकालना पड़ता है और नए वाहनों को खरीदना पड़ता है. अगर ऐसा ना किया जाए तो सड़क और ट्रैफिक व्यवस्था में काफी परेशानियां आती है.