उत्तराखंड से दुखद खबर: 5 दिन पहले छूटी पर घर आए सेना के जवान और मां की एक साथ मौत

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Army soldier and his mother died in Uttarkashi car accident
Army soldier and his mother died in Uttarkashi car accident (Image Source: Social Media)

बीते कल उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी के बड़ेथी बनचौरा मोटर मार्ग पर मोरगी बैन्ड के पास हुए भयावह कार हादसे ने इंद्रा गांव निवासी रुकम सिंह पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. जिसे वह अपनी पूरी जिंदगी नहीं भूल पाएंगे. हादसे में पत्नी पवना देवी और छोटे बेटे विकास की एक साथ हुई मृत्यु की वजह से पूरी तरह टूट चुके रूकम सिंह अब अपने बड़े बेटे भूपेंद्र की गंभीर हालत को देखकर बहुत ही ज्यादा डरे हुए हैं. और उसके ठीक होने के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं. रूकम के दोनों बेटे देश सेवा के लिए सेना में भर्ती हुए थे. प्राप्त हो रहे जानकारी से पता चलता है कि इसी महीने उनके दोनों बेटे छुट्टी पर अपने घर आए थे.

उनके घर आने से एक पूरे घर में खुशी का माहौल था. मगर उनसे या खुशी उस वक्त छीन गई जब उनकी पत्नी और छोटे बेटे की मृत्यु हो गई और बड़ा बेटा जिंदगी और मौत के बीच में झूल रहा है. उनका छोटा बेटा अभी कहां है मैच 5 दिन पहले ही अपने घर छुट्टी पर आया था. बता दें कि बुधवार के दिन उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले के बड़ेथी बनचौरा मोटर मार्ग पर मोरगी बैन्ड के पास एक कार अचानक से अनियंत्रित होकर 500 मीटर गहरी खाई में जा गिरी. इस हादसे में चिन्यालीसौड़ के इंद्रा गांव की पवना देवी पत्नी रुकम सिंह और उनके 22 वर्षीय बेटे विकास सिंह की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि हादसे में उनके दूसरे बेटे 25 वर्षीय भूपेन्द्र सिंह  की हालत बहुत ज्यादा गंभीर है.

बताया जा रहा है कि दोनों सीएचसी चिन्यालीसौड़ से अपनी मां का इलाज करा कर घर वापस लौट रहे थे. हादसा इतना ज्यादा भयानक था कि कार से मृतकों के शव निकालने के लिए कार को कटर से काटना पड़ा. इंद्रा गांव के रहने वाले रुकम सिंह मैं अपनी पूरी जिंदगी मेहनत मजदूरी का ही काम किया है और अपने तीनों बच्चों को अच्छी परवरिश देकर पढ़ा लिखा कर काबिल बनाया है.

परिवार की इतनी ज्यादा कठिन परिस्थितियों में रूकम की पत्नी पवना ने हरदम अपने पति के हाथों से हाथ बटाया. पति मजदूरी करने जाते तो पवना अपने घर के काम और पशुपालन के कामों में लग जाती. उनका बड़ा बेटा भूपेंद्र सिंह 5 साल पहले जैसे ही इंडियन आर्मी में भर्ती हुआ तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उन्हें ऐसा लगा कि अब उनके करीबी के दिन धीरे-धीरे हट जाएंगे.

इसके सिर्फ डेढ़ साल बाद ही उनका छोटा बेटा विकास भी इंडियन आर्मी में भर्ती हो गया. जिसके बाद वह सब कुछ छोड़कर आराम से अपने बुढ़ापे के दिन व्यतीत करने लगे. सिर्फ 20 दिन पहले ही उनका बड़ा बेटा भूपेंद्र सिंह छुट्टी में अपने घर आया था. जिसके बाद 5 दिन पहले ही उनका छोटा बेटा विकास भी छुट्टी में अपने घर आया था.

मां का स्वास्थ्य खराब होने की वजह से उन दोनों ने उनका इलाज करने की सोची. मगर नियति को शायद कुछ और ही मंजूर था जिस वजह से मां का इलाज कर रहा कि घर आते वक्त उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया और विकास और पवना देवी काल का ग्रास बन गए. वही उनका बड़ा बेटा भूपेंद्र सिंह अभी भी गंभीर हालत में है.

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