बागेश्वर की दिव्यांग खिलाड़ी मोहनी कोरंगा को मिला तिलु रौतेली पुरस्कार…

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Bageshwar's disabled player Mohani Koranga received Tilu Rauteli Award...
Bageshwar's disabled player Mohani Koranga received Tilu Rauteli Award (Image Source: Social Media)

बीते दिन मंगलवार को उत्तराखंड सरकार ने 14 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार और 35 महिलाओं को आंगनबाड़ी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. दिव्यांग खिलाड़ी मोहिनी कोरंगा का नाम भी तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित होने वाली महिलाओं में शामिल हो गया है. मोहिनी कोरंगा 10 बार गोला एवं चक्का फेंक में देश को स्वर्ण पदक दिलवा चुकी हैं.

मोहिनी मूल रूप से उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जिले के कपकोट तहसील क्षेत्र के नौकोड़ी हरसिंग्याबगड़ गांव की रहने वाली है. बचपन से ही मोहिनी खेल में बहुत ही ज्यादा अच्छी थी. मगर मोहिनी की जिंदगी में दुखों का पहाड़ उस समय टूट पड़ा जब वह सिर्फ 10 साल की उम्र में एक हादसे का शिकार हो गई और उस हादसे की वजह से उनके पैर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए. जिसके बाद 1996 में दिल्ली में अपने पैरों का आपरेशन करवाया.

मगर इन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी मोहिनी ने हार ना मानते हुए अपने कठिन परिश्रम और मेहनत के बलबूते साल 2017 में बतौर दिव्यांग खिलाड़ी मैदान में वापसी की. जिसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करते रही.

अपनी इसी कड़ी मेहनत और लगन की वजह से वा राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 8 स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं और राज्य स्तर पर दो स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं. सबसे खास बात यह है कि मोहिनी का चयन 2020 में भारत की राष्ट्रीय टीम में हो गया था. जिसके बाद वहां अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी काबिलियत का परचम लहरा सकती थी.

जिसमें उन्हें थाईलैंड में होने वाली प्रतियोगिता में अपनी टीम के साथ मिलकर प्रतिभाग करना था. मगर वैश्विक महामारी के कारण उस प्रतियोगिता को रद्द कर दिया गया. जिस वजह से वां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी काबिलियत दिखाने से चूक गई. फिलहाल के लिए वर्तमान समय में मोहिनी जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के तहत बागेश्वर जिला चिकित्सालय में कार्यरत है.

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