लद्दाख में बढ़ती तनातनी हालातों में ताजी खबर आ रही है कि चीन ने भारतीय-चीन सीमा यानी एल ए सी पर 2 डिवीज़न की तैनाती कर दी है। इंडियन आर्मी अंदाज़ा लगा रही है कि ये तनाव अक्टूबर या नवंबर तक सीमा पर बना रहेगा। इसके बाद सर्दी शुरू हो जाएंगी तब दोनों सेनाएँ पीछे हट जाएंगी। इसी बात का अंदाज़ा भारतीय सेना लगा रही है।
चीन एक ओर तो भारत के साथ कमांडर स्तर की बैठक कर रहा है लेकिन धीरे धीरे वह भारत को केवल बैठक में ही उलझाकर अपने सैनिकों की तैनाती बॉर्डर पर कर रहा है और कुछ बड़ी प्लानिंग कर रहा है। आपको बता दें कि चीन ने 2 डिवीज़न बॉर्डर पर तैनात तो कर दिए हैं लेकिन साथ ही वह शिनजियांग ओर तिब्बत में 10 हज़ार सैनिको को युद्धाभ्यास औऱ मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देता जा रहा है। हम भारत वासियों को जागरूक रहने की आवश्यकता है। औऱ हमको चीन को उसी की भाषा में जवाब देना पड़ेगा। नहीं तो चीन पर विस्वास नहीं किया जा सकता।
बताया जा रहा है कि चीन की सेना की सीमा पर बढ़ती मौजूदगी को देखते हुए भारत ने भी आधुनिक तकनीक से लैस टैंक ओर ससश्त्र सेना की तैनाती मुख रेखा यानी फ्रंट लाइन पर करने का निर्णय लिया है। सिपाहियों ओर टैंको को वहां तक पहुंचाया जा रहा है जहां भारत चीनी सैनिक आमने सामने होते हैं।
जवानों को दी जा रही हैं सुविधायें
बात युद्ध स्तर तक पहुंच जाए और सेना के पास युद्ध सामग्री न हो अब ऐसी स्थिति नहीं है। एक समय था जब भारत के पास संसाधन न होने पर 1962 में भारत को हार का मुह देखना पड़ा था उस समय भारत के 1700 से ज्यादा सैनिक केवल ठंड से ही मर गए लेकिन हमारी सरकार ने सेना को पूरी सुविधाएं ओर युद्ध सामग्री उपलब्ध कराने पर जोर दिया है।
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चीन की चाल से वाकिफ है अब भारत
भारत सीमा पर चीन की हर गतिविधि पर नज़र गढ़ाये हुए है।चीन ने एक ओर तो पीछे हटने का वादा किया था परंतु वह अपने सैनिकों को लगतार सीमा पर बढ़ाता जा रहा है। ऐसे हालात में भारतीय सरकार का भी कहना है इसके पीछे चीन की बड़ी चाल हो सकती है। अंत में यही बोलेंगे की हमको ओर हमारी सरकार को जागरूक रहने की आवयश्कता है। क्योंकि ये 1962 का भारत नहीं है बल्कि 2020 का भारत है और हमारी सेना टिड्डियों को मुंहतोड़ जवाब देना जानती है।
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