बरसात के मौसम में उत्तराखंड में भू ध्साव एक मामूली सी बात है. बीते समय में हमने जोशीमठ में हो रहे भू ध्साव के बारे में सुना था. लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण उत्तराखंड के कई गांव जमीन में धंसते जा रहे हैं. जैसे कि उत्तरकाशी का मस्ताडी गांव जिसमें बीते 3 वर्षों से भूस्खलन हो रहा है. वहां के लोग विस्थापन की मांग कर रहे हैं. लेकिन प्रशासन उनकी कोई सुध नहीं ले रहा है.
बरसात के चलते वहां हालात और भी खराब हो चुके हैं. पिछले कई दिनों से उनके मकान, गौशाला और किचन में चारों तरफ पानी ही पानी भर चुका है. मस्ताडी गांव साल 1991 में आए भूकंप के बाद से भूस्खलन का सामना कर रहा है. यहां आकर वैज्ञानिक सर्वे भी कर चुके हैं. लेकिन सर्वे के बाद क्या नतीजा निकला इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं है. बारिश के कारण यहां घरों में भारी मात्रा में पानी भर चुका है.
गांव के हालत गंभीर होने के बाद गांव के प्रधान ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी. जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम ने उसके बाद गांव जाकर गांव का निरीक्षण किया.गांव वालों के अनुसार बरसात के समय में इसी तरह से उनके घरों में पानी भर जाता है. जिसके कारण पूरे गांव में खतरा बना हुआ है. गांव के लोग विस्थापन की मांग कर रहे हैं. लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. गांव वाले बताते हैं कि 1 दर्जन से अधिक घरों में पानी का रिसाव हो रहा है.
तहसीलदार सुरेश प्रसाद सेमवाल के अनुसार घरों में पानी भरने का कारण बारिश है. मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों द्वारा पहले गांव का निरीक्षण कराया जाएगा ,उसके बाद ही कोई कार्यवाही की जाएगी. तहसीलदार सुरेश प्रसाद सेमवाल ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है.