
उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून से एक बेहद ही हैरतअंगेज कर देना वाली खबर सामने आ रही है. देहरादून के दून अस्पताल की गायनी विंग के लेबर रूम में भर्ती एक महिला की लिफ्ट के बाहर ही डिलीवरी हो गई. डिलीवरी के लिए आई हुई महिला को ऐसे वक्त पर ही चाय पीने के लिए बाहर भेज दिया गया. जिससे कि सिस्टम के द्वारा की गई लापरवाही साफ नजर आती है
जिसके बाद प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना के आदेश पर इस घटना से संबंधित सभी डॉक्टर व कर्मचारियों से जवाब मांगा जा रहा है. देहरादून के एक मोहल्ले की 33 साल की महिला चाय पीने के लिए लिफ्ट से जा रही थी. जिसको की आनन-फानन में वापस वार्ड के अंदर लाया गया और डॉक्टर व अन्य स्टाफ ने सारी प्रक्रियाएं पूरी करवाई.
इस मामले के बारे में डीएमएस डॉ. धनंजय डोभाल का यह कहना है कि शनिवार की सुबह को एक महिला को भर्ती करवाया गया था. वह महिला जैसे ही चाय पीने के लिए बाहर निकली ही थी लिफ्ट में ही उस महिला की डिलीवरी हो गई. फिलहाल के लिए जच्चा और बच्चा का स्वास्थ्य स्वस्थ है.
जिसके बाद इस पर जवाब मांगा जा रहा है कि ऐसी स्थिति में उस महिला को वार्ड से बाहर क्यों जाने दिया गया. चाय आदि की व्यवस्था के लिए इंतजाम किया जा रहा है. उस महिला के परिजनों ने भी खेत प्रकट करते हुए यह कहा है कि उन्हें महिला को बाहर नहीं ले जाना चाहिए था.गायनी विंग में लिफ्ट के बाहर डिलीवरी एवं एक बेड पर दो गर्भवती-जच्चा भर्ती किए जाने के मामले में प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने सख्ती अख्तियार की है.
यह मामला सरकार एवं शासन तक पहुंच गया है. एमएस डॉ. अनुराग अग्रवाल, डीएमएस डॉ. धनंजय डोभाल और गायनी एचओडी डॉ. चित्रा जोशी को रविवार को पूरा सर्वे कर व्यवस्था में सुधार को रिपेार्ट देने को कहा है. यहां की भीड़ को कम करने के लिए सामान्य डिलीवरी को जिला अस्पताल और अन्य अस्पतालों में किया जाने चाहिए.