लद्धाख: 21 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के 18 दिन बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी गुरुवार यानी आज लद्धाख पहुंचे वहां जाकर उन्होंने भारतीय जवानों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने जवानों के बीच काफी समय बिताया ओर 11 हज़ार फ़ीट की ऊंचाई फॉरवर्ड लोकेशन पर 26 मिनट का भाषण देकर जवानों को संबोधित किया।औऱ रामधारी दिनकर की कविता की पंक्तियों से भी सुरक्षाबलों का मनोबल बढ़ाया। जहां चीन जैसे देश अपनी ही सीमा के रक्षा करने वालो जवानों को अपना नहीं मान रहा वहीं भारत ने न केवल अपने शाहिद जवानो की संख्या देश वासियों को बताई साथ ही पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीदों को अंतिम संस्कार किया।
मात्र 26मिनेट में दे डाले 6 मैसेज:
Pm मोदी जी ने कहा आपकी इच्छा शक्ति पर्वतों की भांति अडिग अटल है।आपकी भुजाएँ सामने दिखाई देने वाली पर्वतीय चटटानो की तरह है। हम ओर हमारे भारत के लोगों को तुम्हारे ऊपर भरोसा है कि तुम हमारी रक्षा सरहद पर रहकर करते रहें यही बातें देश के प्रत्येक नागरिक को काम करना सिखाती हैं। केवल बाहुबल मात्र से बिना किसी हथियारों की सहायता से तुम लोगों ने दुश्मनों को जो धूल चटाई इससे भारत वासियों के दिल में पहले से भी ज्यादा सम्मान पैदा हो गया है। साथ ही दुनिया के हर कोने में रहने वाले आदमी को भारत की वीरता का पता चला है कि भारत की ताकत आखिर है क्या.।
हम सुर्दशन धारी के आदर्शों पर चलने वाले वंशीधर की पूजा करने वाले लोग हैं। जिस भारत की रक्षा करने के खातिर तुम लोग सरहद पर जान की बाजी लगाकर डटकर दुश्मन का मुकाबला करने के लिए ततपर हैं उसी भारत के वासी आपके साथ हैं। हम लोग आत्म निर्भर बनकर आपका साथ देंगे और मिलकर आत्म निर्भर भारत की रूपरेखा तैयार करेंगे।
भारतीय सरकार का लक्ष्य सेना को मजबूत बनाना
भारतीय सेना के लिए आधुनिक तकनीकों पर आधारित हथियारों की बात हो या युद्ध सामग्री इसके लिए भारत ,सेना के लिए इसे उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयास करता रहा है । और आगे भी करता रहेगा।सीमा पर डेवलोपमेन्ट की बात हो या नए infrastructure की रूप रेखा तैयार करना इस पर भारत लगातार कोशिश कर है। ताकि हमारे जवानों आपात काल की स्थिति में किन्हीं दिक्कतों का सामना न करना पड़े आपका यह हौसला ,सौर्य ओर ताकत अमूल्य अतुलनीय है।जिस प्रकार से जमा देने वाली ठंड में भारत के सैनिक इतनी ऊंचाई पर सीमा की रक्षा कर रहे है। शायद ही इनका मुकाबला दुनिया में कोई और कर सके। आपका साहस ऊंचाई से भी ऊंचा है।