टिहरी गढ़वाल के संदीप नेगी ने होटल की नौकरी छोड़ करी तैयारी, पटवारी समेत पांच परीक्षाएं एक साथ की उत्तीर्ण

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Sandeep Negi of Tehri Garhwal passed five exams including Patwari
Sandeep Negi of Tehri Garhwal passed five exams including Patwari (Image Source: Sandeep Negi )

उत्तराखंड के होनहार युवा आज किसी भी क्षेत्र में किसी से भी पीछे नहीं है. वहां अपनी कड़ी मेहनत व लगन से कोई भी मुकाम हासिल कर सकते हैं और अपनी कड़ी मेहनत और लगन से वह अपने सपने भी पूरे करते नजर आ रहे हैं. हम आपको एक ऐसे ही होनहार युवा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अपनी होटल की नौकरी को छोड़कर अपनी कड़ी मेहनत और लगन की बदौलत सरकारी नौकरी को हासिल कर लिया है. उस होनहार युवक का नाम संदीप नेगी है जोकि उत्तराखंड राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के देवप्रयाग तहसील क्षेत्र के देवलकंडी गांव रहने वाला है.

संदीप नेगी ने उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग एवं उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित 5-5 प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता अर्जित की है. संदीप ने पटवारी, फारेस्ट गार्ड, कनिष्क सहायक के साथ ही पीसीएस की प्री परीक्षा उत्तीर्ण की है . कुछ दिनों पहले ही घोषित हुए स्नातक स्तरीय परीक्षा (ग्राम विकास अधिकारी आदि) की मेरिट सूची में भी उनका नाम है. अपनी इस उपलब्धि के बारे में बताते हुए संदीप ने कहा कि वह एक बेहद ही सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं. संदीप के पिता गजे सिंह दुबई के एक होटल में शेफ के पद पर कार्यरत हैं और उनकी माता सुमाता देवी एक कुशल ग्रहणी है.

वह अपनी परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूती देने के लिए खेती बाड़ी का काम भी करती हैं. संदीप ने अपनी इंटर की शिक्षा लालूडी खाल स्थित स्कूल से उत्तीर्ण की है. जिसके बाद उन्होंने परिवार को सहारा प्रदान करने के लिए होटल में जॉब करना शुरू कर दिया. नौकरी करने के साथ-साथ उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई भी जारी रखें. उन्होंने  राजकीय महाविद्यालय चन्द्रबदनी (नैखरी), टिहरी गढ़वाल से प्राइवेट स्नातक एवं परास्नातक की डिग्री हासिल की.

संदीप होटल में नौकरी करने के साथ-साथ सेना में भर्ती होने की तैयारी भी कर रहे थे. इसी मेहनत और लगन के परिणाम स्वरूप उन्होंने तीन बार सेना भर्ती में शारीरिक दक्षता परीक्षा और एक बार लिखित परीक्षा भी उत्तीर्ण की है. जिस वक्त देश भर में लॉकडाउन लगा था उस वक्त बहुत से युवाओं की नौकरी भी चली गई थी. उसी प्रकार संदीप ने भी अपनी नौकरी से हाथ धो बैठे थे.

मगर उन्होंने हार ना मानते हुए वर्ष 2021 से लगातार श्रीनगर में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करनी शुरू कर दी और अपनी उसी मेहनत व लगन की वजह से आज यह मुकाम हासिल कर लिया है. इस मुकाम को हासिल करने के लिए उन्होंने कोचिंग का सहारा भी लिया है. उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके पूरे परिवार में खुशी का माहौल है वहीं उनके घर में बधाई देने वालों की भीड़ लगी हुई है.

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