देहरादून: नए आढ़त बाजार के लिए 7.7 हेक्टेयर जमीन मुफ्त में देगी सरकार, जानिए कहां शिफ्ट होगा बाजार

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The government will give 7.7 hectares of land for free for the new arhat Bazar in Dehradun, know where the market will shift
The government will give 7.7 hectares of land for free for the new arhat Bazar in Dehradun, know where the market will shift (Image Source: Social Media)

नए आढ़त बाजार के लिए मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) पानी, बिजली,सड़क,पार्किंग आदि की सुविधा उपलब्ध कराने जा रहा है. इसके अंतर्गत व्यापारियों को प्लॉटों की रजिस्ट्री के लिए स्टांप शुल्क और डेवलपमेंट चार्ज का खर्च उठाना पड़ेगा. देहरादून में जो आढ़त बाजार है उसको हरिद्वार बाईपास के पास के निकट पटेल नगर थाने के पीछे शिफ्ट करने के प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा मंजूरी मिल चुकी है. ब्राह्मणवाला व निरंजनपुर स्थित एमडीडीए की भूमि पर नया आढ़त बाजार बनाया जाएगा.

कैबिनेट द्वारा इस भूमि को मुफ्त में देने की मंजूरी दे दी गई है. व्यापारियों की अधिग्रहित भूमि के बदले दोगुनी कीमत (115 करोड़) के प्लॉट उन्हें नई आढ़त बाजार में आवंटित किए जाएंगे. आढ़त बाजार 7.7493 हेक्टेयर भूमि में बनेगा. नए आढ़त बाजार में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा बिजली,पानी, सड़क,पार्किंग आदि की सुविधा दी जाएगी. व्यापारियों को प्लॉटों की रजिस्ट्री के लिए स्टांप शुल्क और डेवलपमेंट चार्ज उठाना पड़ेगा. दूसरी तरफ जरूरत के हिसाब से व्यवसायिक नक्शा बनवाकर एमडीडीए से पास करवाना पड़ेगा.

कई वर्षों के इंतजार के बाद बाजार को शिफ्ट करने के प्रस्ताव को शुक्रवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. आढ़त बाजार के शिफ्ट होने से तहसील चौक और सहारनपुर चौक के बीच लगने वाले जाम से काफी हद तक छुटकारा मिल जाएगा. तब 16 से 18 मीटर की सड़क को 24 मीटर का कर दिया जाएगा.जानकारी के अनुसार एमडीडीए द्वारा ब्राह्मणवाला व निरंजनपुर की जमीन पर आढ़त बाजार विस्थापन के लिए आने वाले खर्च में राज्य सरकार से छूट मांगी गई थी.

इसके बाद सरकार ने 7.7493 हेक्टेयर भूमि मुफ्त में देने का फैसला लिया. इस भूमि की कीमत सर्किल रेट के अनुसार 222.79 करोड़ है. नए आढ़त बाजार के प्रस्तावित स्थल का भू-उपयोग बदलकर व्यावसायिक कराना होगा. जिसमें लगभग 33.41 करोड़ का खर्च आएगा. सहारनपुर चौक से तहसील चौक तक की सड़क का चौड़ीकरण करने के लिए अधिग्रहित की गई जमीनों को लोक निर्माण विभाग के पक्ष में रजिस्ट्री कराना पड़ेगा.

जिसका स्टाम्प, रजिस्ट्रेशन का खर्चा 3.31 करोड़ आएगा. जिसका पूरा का पूरा खर्चा सरकार द्वारा उठाया जाएगा. एसएन पांडेय, सचिव आवास ने इस बारे में बताते हुए कहा कि 60, 120, 150 स्क्वायर मीटर के प्लॉट आढ़तियों को दिए जाएंगे और गैर आढ़तियों को 15, 20 और 25 स्क्वायर मीटर दिया जाएगा और 15 स्क्वायर मीटर से छोटे प्लॉट को खा रेडी वालों को दिए जाएंगे. सहारनपुर चौक से तहसील चौक के बीच भूमि अधिग्रहण के बाद जिसकी भी दुकान या मकान का क्षेत्रफल लगभग 30 स्क्वायर मीटर होगा उसे सरकार खरीद लेगी और जिसका भी 30 स्क्वायर मीटर से अधिक बचेगा उसे नक्शा पास कराकर अपडेट कराना होगा.

आढ़त बाजार विस्थापन एवं पुनर्स्थापना पर खुशी जताते हुए विनय गोयल जोकि प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल समिति के प्रदेश महामंत्री एवं मंडी समिति के पूर्व सभापति है उन्होंने कहा की आढ़त बाजार की यह समस्या केवल वहां के व्यापारियों और निवासियों की ही नहीं थी बल्कि यहां समस्या उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून में आने वाले हर पर्यटक की थी. पहले भी कई सारी सरकारों ने इस समस्या के बारे में चर्चा तो की मगर कोई भी समाधान नहीं निकाल सके. आढ़त एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र गोयल ने कहा की सरकार के द्वारा लिया गया या फैसला एक ऐतिहासिक फैसला है.

आढ़त बाजार के शिफ्ट होने की वजह से शहर की एक बहुत ही ज्यादा बड़ी समस्या का समाधान हो जाएगा. जिसके बाद पूरा आढ़त बाजार एक जगह में आ जाएगा. सभी आढ़त व्यापारी सरकार के द्वारा लिए गए इस फैसले के साथ हैं. इस बारे में बंशीधर तिवारी, उपाध्यक्ष, एमडीडीए ने कहा की कैबिनेट के द्वारा नए आढ़त बाजार को मंजूरी दे दी गई है. जिसके बाद से प्रस्तावित जमीन का भी उपयोग बदल जाएगा जिसके बाद उस जगह पर प्लाॅटों का निर्धारण कर डेवलपमेंट का काम शुरू कर दिया जाएगा.

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