शनिवार को नोएडा पुलिस ने एक 28 वर्षीय एक व्यक्ति को अपनी 13 महीने की बेटी की “आकस्मिक” मौत के मामले में गिरफ्तार किया था। दरअसल यह घटना 23 जुलाई की ही। व्यक्ति की पहचान जमशेद के रूप में हुई है। वह मूल रूप से बिहार का रहने वाला है और वह नोएडा सेक्टर 22 में अपनी पत्नी गुलफसा (23) और 13 महीने की बेटी के साथ रहता था। जमशेद ओर उसकी पत्नी दोनों ही दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं।
जमशेद की पत्नी गुलफसा के अनुसार, यह घटना गुरुवार दोपहर 1:30 बजे के आसपास हुई थी। गुलफसा ने कहा कि “हम आंगन में बैठे थे और जमशेद हमारी बेटी को अपनी गोद में लिए हुए थे। पिछले कुछ महीनों से हमारे बीच कुछ समस्याएं थीं और गुरुवार को हम दोनो में फिर से बहस शुरू हो गयी थी। अचानक वह बहुत क्रोधित हो गया और मुझ पर चिल्लाने लगा। उसने गुस्से में लगभग हमारी बेटी को मुझ पर फेंक दिया था जो उसके हाथों से गिर गई और वह सिर के बल फर्श पर गिर गयी।
उन्होंने यह भी कहा कि “हंगामा सुनकर कुछ पड़ोसी मदद के लिए पहुंचे और उन्होंने तुरंत पुलिस को फोन किया। फिर एक पीसीआर टीम मौके पर आई और मैंने अपनी बेटी को निठारी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया जाना चाहिए। और अस्पताल लेजाते समय बीच में ही बच्ची की मौत हो गयी।”
हालांकि पुलिस के वहां पहुंचने से ओहले जमशेद वहां से भाग चुका था। फिर बच्चे के शरीर को शव परीक्षण के लिए भेजा गया और बाद में उसे वापस परिवार को सौंप दिया गया। गुलसफा ने शुक्रवार को जमशेद के खिलाफ सेक्टर 24 पुलिस के पास शिकायत दर्ज की। जमशेद के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 के तहत मामला दर्ज कर दिया गया है।
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पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आरोपी की प्राथमिक मंशा हत्या नहीं थी और बच्ची की मौत एक दुर्घटना थी। एसीपी रजनीश वर्मा ने कहा कि “हमें गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे के आसपास की घटना के बारे में कॉल आया। बच्ची की मां के बयान से ऐसा लगता है कि जमशेद बहस के दौरान अपने आप पर काबू खो दिया जिसके कारण बच्ची फर्श पर गिर गयी। बच्ची के सिर पर चोट लग गई जिससे उसकी मौत हो गई। घटना के बाद से ही जमशेद की खोज जारी थी। हालांकि सेक्टर 24 पुलिस ने शनिवार दोपहर उसे पकड़ लिया है। उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और बाद में जेल भेज दिया गया।”