उत्तर प्रदेश में एक परिवार ने पुलिस को 30 लाख रुपये के नुकसान का दोषी ठहराया है। दरअसल उस परिवार से फिरौती के रूप में 30 लाख रुपयों की मांग की गई थी। परिवार का कहना है कि पुलिस के निर्देश पर उन्होंने आरोपियों को फिरौती देने के लिए तैयार हुए थे। लेकिन पुलिस की ओर से उन्हें पकड़ने के लिए आवश्यक व्यवस्था नहीं की गयी थी।
लैब टेक्नीशियन संजीत का किडनैपर्स ने अपहरण कर लिया था। संजीत की बहन रूचि यादव ने कहा कि उसका भाई 22 जून को कानपुर में लापता हो गया था। इसके बाद उन्होंने बर्रा पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज करायी थी।
रुचि ने कहा कि उनके भाई के अपहरण होने के एक हफ्ते बाद परिवार को पहली बार फिरौती के लिए कॉल आयी थी। इसके बाद परिवार वालों ने इसकी सूचना पुलिस को दी लेकिन वह फ़ोन को ट्रेस करने में नाकाम रही।अपहरणकर्ताओं ने संजीत को मुक्त करने के लिए 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी। इसके बाद एसएचओ रणजीत राय के आश्वासन पर परिवार फिरौती देने के लिये राजी हो गया। यह भी पढ़े: जल्द ही दर्शकों को मशहूर टीवी शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा के नए एपिसोड देखने को मिलने वाले हैं, जानिए कब
पुलिस ने उन्हें कहा था कि रुचि अपने बैग में एक सेलफोन ले जाये ताकि उसके लोकेशन का पुलिस पता लगा सके। प्लान के अनुसार, परिवार के सदस्यों ने सोमवार को कानपुर-इटावा हाईवे पर यात्रा की। अपहरणकर्ताओं ने उन्हें गुजैनी फ्लाईओवर पर पैसों से भरा बैग छोड़ने के लिए कहा था। और उन्होंने ऐसा ही किया। परिवार ने आगे दावा किया कि पुलिस ने परिवार के साथ किसी भी पुलिस वाले को नहीं भेजा या बैग ले जाने वाले अपराधियों को पकड़ने के लिए कोई अन्य व्यवस्था नहीं की।
लेकिन इसपर दक्षिण कानपुर की सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस अपर्णा गुप्ता ने इस बात से इनकार किया कि अपहरणकर्ताओं को किसी भी फिरौती का भुगतान किया गया था और कहा कि पुलिस अपराधियों का पीछा कर रही थी। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो कृप्या हमें नीचे दिए गए लिंक के जरिये गूगल ऐप पर भी फॉलो करें…. Dainik circle news par