कुछ लोगों के लिए दहेज प्रथा एक सामाजिक प्रतीक से अधिक है। भारत में लोगों द्वारा दहेज प्रणाली के दुष्प्रभावों को पूरी तरह से समझने के बाद भी यह जारी है।हल ही में दहेज के कारण की गई निर्मम हत्या की खबर मिली है। जानकारी के मुताबिक गोरौल थाना क्षेत्र के रुसूलपुर इनायत उर्फ वभनटोली गांव में दहेज के लिए ससुराल वालों ने विवाहिता को कुर्सी से बांधकर केरोसिन छिड़ककर जिंदा जला दिया।
इस घटना में 30 वर्षीय खुशबू देवी की दर्दनाक मौत हो गई। उसकी शादी वभनटोली गांव के सोनू कुमार के साथ तीन वर्ष पूर्व न्यायालय में हुई थी। यह उसकी दूसरी शादी थी।उसकी दो बच्चियां भी हैं।बताया गया है कि शादी के कुछ ही दिनों के बाद से ही उसके ससुराल वालों ने दहेज के लिए प्रताडि़त करना शुरू कर दिया था। कई बार उसके मायके वालों ने वभनटोली आकर रुपया देकर मामले को सुलझाना चाहते थे लेकिन ससुराल वालों को पैसों की भूख इतनी थी जो शांत होने का नाम ना लेती। कई दिनों से इसी बात को लेकर घर मे विवाद चल रहा था।सोमवार की सुबह सभी ने मिलकर खुशबू को कुर्सी से बांध दिया और केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी।यह भी पड़े:देवभूमि का एक ओर लाल ड्यूटी के दौरान शहीद, 4 महीने बाद होना था रिटायर..
मां देसरी थाना क्षेत्र के धर्मपुर गांव निवासी कलवा देवी ने थाने में आवेदन देकर कहा है कि दहेज की मांग पूरी न होने पर ससुराल वालों ने उसकी हत्या कर दी। सूचना मिलते ही गोरौल थाने के अवर निरीक्षक संजय कुमार सिंह घटनास्थल पर पहुंचे। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा। थानाध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि मां ने आवेदन दिया है। एफआइआर दर्ज करने की करवाई की जा रही है।लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है। दहेज को एक दंडनीय अपराध घोषित करने के बाद और कई अभियानों के माध्यम से इस प्रथा के असर के बारे में जागरूकता फैलाने के बाद भी लोग इसका पालन क्यों कर रहे हैं?पता नहीं ये सिलसिला कब तक चलेगा,कितनी मासूम जिंदगियों के साथ इसी तरह की घटना कब तक होती रहेगी।