उत्तराखंड: इस मंदिर में बदली सदियों पुरानी परंपरा, महिलाओं को बनाया गया पुजारी

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2 women made priests in Yogeshwar temple of Uttarakhand
2 women made priests in Yogeshwar temple of Uttarakhand (Image Source: Social Media)

उत्तराखंड को देवों की भूमि कहा जाता है. जहां पर हर साल केदारनाथ, बद्रीनाथ आदि मंदिरों के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु हर साल आते हैं. आज हम आपको उत्तराखंड के ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां मंदिर में दो महिला पुजारियों को नियुक्ति दी गई है. महिला सशक्तिकरण को दर्शाते हुए यह कदम पिथौरागढ़ के सिकड़ानी गांव के योगेश्वर श्रीकृष्णा मंदिर कमेटी के अध्यक्ष पीतांबर अवस्थी ने उठाया है.

उन्होंने गांव की सदियों पुरानी रूढ़िवादी परंपरा को पीछे छोड़ते हुए श्रीकृष्णा मंदिर में दो महिला पुजारियों को नियुक्त किया है. आपको बता दें कि यह मंदिर श्रीकृष्णा मंदिर समिति के अध्यक्ष पीतांबर अवस्थी ने बनवाया है. पीतांबर स्वास्थ्य पहले शिक्षक पद पर रह चुके हैं. जानकारी के अनुसार उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और नशा मुक्ति अभियान में अहम योगदान दिया है.

कमेटी के अध्यक्ष पीतांबर अवस्थी ने महिलाओं को मंदिर के पुजारी की जिम्मेदारी देने के बाद यह भी कहा कि महिलाएं अपने परिवार की पूरी जिम्मेदारी उठाती हैं. वे आगे बताते हैं कि सनातन परंपराओं को महिलाऐं जीवित रखती हैं फिर भी उन्हें पुजारी का पद नहीं दिया जाता है. मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में मंजुला अवस्थी को नियुक्त किया गया है.

वह कहते हैं कि महिला और पुरुषों को बराबरी का हक मिलना चाहिए.वैदिक काल में भी महिलाओं को धार्मिक मामलों में बराबरी का हक था लेकिन बाद में उनसे उनका यह हक छीन लिया गया. मंजुला अवस्थी की सहायक पुजारी सुमन बिष्ट भी काफी उत्साहित है. वह बताती हैं कि श्रीकृष्णा मंदिर में यह एक क्रांतिकारी कदम है. जिसे सराहे जाने की आवश्यकता है.

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