उत्तराखंड परिवहन निगम ने राज्य के विभिन्न शहरों से दिल्ली के लिए 70 सीएनजी बसें चलाने की योजना बनाई है, जिससे यात्रियों को अधिक सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल सेवा मिलेगी। इस योजना के तहत निगम ने टेंडर जारी कर दिया है, जो 18 सितंबर तक डाला जा सकता है।
इस निर्णय के पीछे कारण है दिल्ली में बीएस-4 वाहनों के प्रवेश पर अगले महीने से प्रतिबंध लागू होना, जिससे निगम ने स्वच्छ और सुरक्षित यातायात की तैयारी शुरू कर दी है। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और पर्यावरण के संरक्षण के लिए उठाया गया है।
उत्तराखंड परिवहन निगम की यह पहल यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत होगी, क्योंकि उन्हें अब अधिक सुरक्षित और स्वच्छ यातायात की सुविधा मिलेगी।दिल्ली में बीएस-4 वाहनों पर प्रतिबंध, उत्तराखंड परिवहन निगम ने 150 नई बसें खरीदने का निर्णय लिया!
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बीएस-4 वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया है, जिससे उत्तराखंड परिवहन निगम की बड़ी संख्या में बसें दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाएंगी। इस समस्या का समाधान करने के लिए निगम ने 150 नई बसें खरीदने का निर्णय लिया है, जो अगले महीने से उपलब्ध होंगी।
इनमें से 70 बसें सीएनजी संचालित होंगी और उत्तराखंड के विभिन्न शहरों से दिल्ली के लिए संचालित की जाएंगी। यह कदम यात्रियों को सुरक्षित और स्वच्छ यातायात की सुविधा प्रदान करने के लिए उठाया गया है।
उत्तराखंड परिवहन निगम की यह पहल दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेगी और यात्रियों को बेहतर सेवा प्रदान करेगी।उत्तराखंड परिवहन निगम की नई योजना: यात्रियों को मिलेगी प्रदूषण रहित और सुविधाजनक सेवा!
उत्तराखंड परिवहन निगम ने दिल्ली के लिए यात्रा करने वाले यात्रियों को प्रदूषण रहित और अधिक आरामदायक सेवा प्रदान करने के लिए एक नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत निगम सीएनजी बसों का संचालन करेगा, जो न केवल प्रदूषण कम करेगा बल्कि यात्रियों की यात्रा लागत को भी कम करेगा।
सीएनजी ईंधन के उपयोग से संचालन लागत में भी कमी आएगी, जिससे निगम को अधिक लाभ होगा और यात्रियों को सस्ती दरों पर सेवा उपलब्ध हो सकेगी। इस योजना का उद्देश्य यात्रियों की यात्रा को अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाना है, ताकि वे अपनी यात्रा को आराम से और सुरक्षित तरीके से पूरा कर सकें।
उत्तराखंड परिवहन निगम ने दिल्ली के लिए एक नई बस सेवा शुरू की है, जो राज्य के विभिन्न शहरों से सीधे दिल्ली तक जाएगी। इस सेवा के तहत देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, कोटद्वार, रुड़की, हल्द्वानी, रामनगर, रुद्रपुर, काशीपुर और टनकपुर जैसे शहरों से दिल्ली के लिए बसें चलाई जाएंगी।
इस सेवा के तहत कुल 70 बसें संचालित की जाएंगी, जिनमें से:
देहरादून से 13 बसें
हरिद्वार से 7 बसेंऋ
षिकेश से 6 बसें
कोटद्वार से 1 बस
रुड़की से 10 बसें
हल्द्वानी से 12 बसें
रामनगर से 5 बसें
रुद्रपुर से 7 बसें
काशीपुर से 5 बसें
टनकपुर से 4 बसें
यह सेवा यात्रियों को सुरक्षित, सुविधाजनक और आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी।
उत्तराखंड परिवहन निगम की नई योजना: बस संचालन के लिए 6 साल का अनुबंध!
उत्तराखंड परिवहन निगम ने एक नई योजना शुरू की है, जिसके तहत बसों का संचालन 6 साल की अवधि के लिए अनुबंधित किया जाएगा। इस अनुबंध को एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, जिससे बस मालिकों को लंबे समय तक स्थिरता मिलेगी।
इस योजना के तहत, उत्तराखंड परिवहन निगम प्रति किलोग्राम सीएनजी की दर 5.20 किलोमीटर निर्धारित करेगी, जिससे बस मालिकों को ईंधन की दरों में स्थिरता मिलेगी। इसके अलावा, निगम ने यह भी घोषणा की है कि बसों के संचालन से होने वाले कुल लाभ का 25% प्रोत्साहन राशि के रूप में बस मालिक को दिया जाएगा, जिससे उन्हें और प्रोत्साहन मिलेगा।
यह योजना बस मालिकों और यात्रियों दोनों के लिए फायदेमंद होगी, क्योंकि इससे बसों का संचालन स्थिर और सुविधाजनक होगा।
उत्तराखंड परिवहन निगम की हरित पहल: सीएनजी बसों से पर्यावरण को सुरक्षित करने का प्रयास!
उत्तराखंड परिवहन निगम ने एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय पहल की ओर कदम बढ़ाया है, जिसमें सीएनजी बसों का संचालन शामिल है। यह न केवल प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा, बल्कि आर्थिक रूप से भी फायदेमंद साबित होगा।
सीएनजी से संचालित बसें पेट्रोल और डीजल की तुलना में कम ईंधन खर्च करती हैं और उनके उत्सर्जन स्तर भी बहुत कम होते हैं। इससे दिल्ली और उत्तराखंड दोनों के पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
यह योजना यात्रा के अनुभव को बेहतर बनाने के साथ-साथ राज्य और देश में प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। यात्रियों को अब अधिक सुरक्षित, सुगम और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से सही विकल्प मिलेगा, जिससे उन्हें अपनी यात्रा को और भी आरामदायक बनाने का मौका मिलेगा।
उत्तराखंड परिवहन निगम का यह कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल राज्य के लिए बल्कि देश के लिए भी एक अच्छा उदाहरण है।