मोरी तहसील के सावणी गांव में रविवार की रात भीषण आग लग गई । गांव में रविवार की रात को बड़ी आग लगने की घटना हुई। आग में 9 लकड़ी के मकान जलकर खाक हो गए, जिससे आग और भी भयंकर हो गई। इस अग्निकांड में एक 76 वर्षीय महिला की आग में झुलसने से मौत हो गई और सभी भवनों में रखा सामान भी जलकर राख हो गया। तो वहीं राहत टीम को सावणी गांव तक पहुंचने में साढ़े तीन घंटे लग गए क्योंकि गांव जखोल से पांच किलोमीटर दूर है और रास्ता पैदल का है।
गांव के लोगों ने बड़ी मेहनत से आग पर काबू पाने की कोशिश की और कुछ हद तक आग को नियंत्रित करने में सफल भी रहे । बता दे कि सावणी गांव में वर्ष 2018 में भी एक बड़ा अग्निकांड हुआ था, जिसमें 39 मकान और 100 मवेशी जलकर स्वाहा हो गए थे। रविवार की रात करीब नौ बजे सावणी गांव में किताब सिंह के घर में आग लग गई। जिससे लकड़ी के बने मकानों के कारण आग तेजी से फैलती गई और जल्द ही विकराल रूप धारण कर लिया। जब आग एक घर से दूसरे घर में फैलने लगी, तो जखोल गांव के ग्रामीणों ने लगभग 11 बजे अधिकारियों को घटना की सूचना दी।
जिलाधिकारी ने राहत और बचाव कार्यों के लिए सतलुज जल विद्युत निगम, टोंस वन प्रभाग और गोविंद वन्य जीव विहार के वन कर्मियों की मदद लेने का निर्देश दिया। रात करीब 12:30 बजे गोविंद वन्य जीव विहार की राहत और बचाव टीम घटनास्थल पर पहुंची। उपजिलाधिकारी देवानंद शर्मा के अनुसार, आग को पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया गया है। आग की घटना में गांव के 9 मकान जलकर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं।
इन 9 मकानों में लगभग 15-16 परिवार रहते थे। इसके अलावा, 2 अन्य मकानों को आग से बचाने के लिए पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, किताब सिंह के घर में पूजा के लिए जल रहा दीया आग का कारण बना। इस आग लगने की घटना में लगभग 22-25 परिवार प्रभावित हुए हैं। आग में झुलसने से 76 वर्षीय भामा देवी की मौत हो गई, जिसकी पुष्टि जिला आपदा प्रबंधन ने की है।