सड़क पर मिला नोटों से भरा बैग, थाने लेकर पहुंचा युवक तो पुलिस ने उसी को भेज दिया जेल

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A bag full of notes was found on the road, when the young man brought it to the police station, the police sent him to jail
A bag full of notes was found on the road, when the young man brought it to the police station, the police sent him to jail (Image Source: Social Media)

रायबरेली के गदागंज थाना इलाके में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एक व्यापारी दीपू ने ईमानदारी से लूट का बैग पुलिस को सौंपा, लेकिन पुलिस ने उसे ही आरोपी बना दिया।दरअसल, 20 अगस्त को रवि चौरसिया के साथ लूट हुई थी, जिसमें बाइक सवार बदमाशों ने उनका बैग छीन लिया था, जिसमें आठ लाख रुपये थे। बदमाशों ने बैग सड़क के किनारे छोड़ दिया था, जिसे दीपू ने पाया और ग्राम प्रधान को सूचित किया।

लेकिन गदागंज एसओ राकेश चंद्र आनंद ने दीपू को ही आरोपी बना दिया और उसे जेल भेज दिया। यह मामला पुलिस की कार्रवाई की आलोचना का विषय बन गया है।रायबरेली के गदागंज थाना इलाके में एक व्यापारी दीपू को लूट का आरोपी बनाकर जेल भेजने का मामला सामने आया है। दीपू ने ईमानदारी से लूट का बैग पुलिस को सौंपा था, लेकिन पुलिस ने उसे ही आरोपी बना दिया।

इस मामले में गदागंज एसओ राकेश चंद्र आनंद की कार्रवाई की आलोचना हो रही है। उन्होंने दीपू को जेल भेजने के बाद माल बरामदगी दिखाई थी, जिसे अब गलत बताया जा रहा है।व्यापारियों में इस मामले को लेकर उबाल आ गया है और उन्होंने धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद कप्तान ने मामले की विवेचना डलमऊ एसओ पवन सोनकर को सौंपी है। अब दीपू की गिरफ्तारी की जांच होगी और सच्चाई सामने आएगी।

रायबरेली के गदागंज थाना इलाके में एक व्यापारी दीपू को लूट का आरोपी बनाकर जेल भेजने का मामला सामने आया था, जिसमें अब सच्चाई सामने आई है।डलमऊ एसओ पवन सोनकर की विवेचना में पता चला है कि दीपू ने सड़क के किनारे पड़े रुपयों वाले बैग को थाने में जमा कराया था, लेकिन एसओ राकेश चंद्र आनंद ने उसे गिरफ्तार कर लिया और लूट के आरोप में जेल भेज दिया था।

अब कोर्ट ने विवेचना के आधार पर दीपू को 12 दिन बाद रिहा कर दिया है। यह मामला पुलिस की कार्रवाई की आलोचना का विषय बन गया है और एसओ राकेश चंद्र आनंद की कार्रवाई को गलत बताया जा रहा है।

व्यापारी दीपू गुप्ता ने अपने साथ हुई घटना का विवरण देते हुए बताया कि वह पानी लेने जा रहे थे जब उन्हें रास्ते में रुपयों से भरा बैग मिला। उन्होंने तत्काल ग्राम प्रधान को सूचित किया और थाने में जाकर बैग जमा कराया।लेकिन थाने में ही थानेदार ने उन्हें बैठा लिया और रात में जंगल ले जाकर बैग के साथ वीडियो बनाया। इसके बाद उन्हें आरोपी बनाकर जेल भेज दिया गया।

दीपू ने बताया कि उन्होंने ईमानदारी से बैग जमा कराया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें ही आरोपी बना दिया और जेल भेज दिया। यह मामला पुलिस की कार्रवाई की आलोचना का विषय बन गया है।

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