उत्तराखंड – अब हाईटेक सड़क से चमोली-पिथौरागढ़ की 72 किलोमीटर की दूरी होगी कम… जानिए आगे……

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उत्तराखंड - अब हाईटेक सड़क से चमोली-पिथौरागढ़ की 72 किलोमीटर की दूरी होगी कम... जानिए आगे......

पहाड़ के सीमावर्ती इलाकों में अब राज्य सरकार की मदद से सड़कों का कार्य भी पूरा होने जा रहा है। और इसी के साथ यहां पर बाकी सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। बड़ी सड़क परियोजना का काम सीमांत इलाकों में चल रहा है और सीमांत जिले चमोली से पिथौरागढ़ की दूरी अब कम होने वाली है। जानकारी के अनुसार मलारी-मिलम ट्रैक को जल्द ही अब सड़क में तब्दील किया जाएगा और यह ट्रैक चमोली और पिथौरागढ़ दोनों जिलों को आपस में जोड़ता है। साथ ही चमोली जिले के सुमना से पिथौरागढ़ जिले के टोपीढुंगी तक रोड का निर्माण किया जाएगा।

 

केंद्र सरकार की ओर से भी सुमना से टोपीढुंगी तक 72 किमी सड़क के निर्माण को मंजूरी दे दी गई है और जब ये रोड बन जाएगी तो मिलम पहुंचने में बस तीन दिन ही लगेंगे।

चमोली और पिथौरागढ़ जिले की सीमाएं चीन से सटी हैं और मलारी-मिलम ट्रैक की जिम्मेदारी पहले केंद्रीय लोनिवि के पास थी पर अब केंद्र ने इस ट्रैक को सड़क बनाने की मंजूरी दे दी है तो जिसका काम सीमा सड़क संगठन को ही दिया गया है।

इस रोड के बनने से चमोली से पिथौरागढ़ का सफर आसान होगा और साथ ही पर्यटन संबंधी गतिविधियां भी बढ़ेंगी।फिलहाल तो ट्रैकरों को मलारी से मिलम तक जाने में सात दिन का समय लग जाता था और अब इस सड़क के बनने से सिर्फ तीन दिन में मलारी से पिथौरागढ़ के मिलम तक पहुंचा जा सकता है। चीन सीमा क्षेत्र के करीब बसे नीती चमोली जिले और माणा क्षेत्र में सड़कों को डबल लेन किया जा रहा है। यहां पर 72 किमी लंबी रोड बनाई जाएगी, जिससे बॉर्डर पर सेना की पहुंच आसान हो पाएगी। फिलहाल अभी तक तो सड़क से गोपेश्वर से पिथौरागढ़ जाने के लिए 300 किमी का सफर पार करना पड़ता है और अब नई सड़क बनने से यह दूरी करीब दो सौ किमी ही रहेगी ।जानकारी के अनुसार बत्य जा रहा है कि फरवरी माह के बाद इस सड़क निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। जिससे यहां से सफर करने वाले यात्रियों को काफी सुविधा भी मिलेगी।

 

 

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