उत्तराखंड राज्य की मुद्रा गैरोला भारत के सबसे पसंदीदा सिविल सेवकों में से एक है. जोकि पहले मेडिकल छात्र से आईपीएस अधिकारी और फिर आईएएस अधिकारी बनी है. यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए यह सफर काफी ज्यादा प्रेरणादायक है. मुद्रा उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले के कर्णप्रयाग की रहने वाली है. उनके पिता का सपना आईएएस अधिकारी बनाने का था. मगर वहां साक्षात्कार दौरे में असफल रहे.
अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी मेडिकल की पढ़ाई छोड़ दी और आईएएस बनने की तैयारियों में लग गई. वह बचपन से ही पढ़ाई में बहुत ही ज्यादा अच्छी थी. उन्होंने अपने बोर्ड में 96% अंक और 12th में 97% अंक हासिल किए थे. जिसके बाद उन्होंने मुंबई में बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी कोर्स के लिए दाखिला लिया था. आईएएस अधिकारी मुद्रा को बीडीएस में भी गोल्ड मेडल मिला था.
स्नातक के बाद वह दिल्ली चली गई और एमडीएस में दाखिला लिया मगर उनके पिता हमेशा से यही चाहते थे कि वह एक आईएएस अधिकारी बने. अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए मुद्रा ने एमडीएस की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर यूपीएससी की पढ़ाई शुरू कर दी. मगर अपने पिता के जैसे साल 2018 में वहां साक्षात्कार राउंड से बाहर हो गई. जिसके बाद साल 2019 में उन्होंने एक बार फिर से प्रयास किया मगर अंतिम चयन नहीं हो पाया.
इसके बाद साल 2020 में वहां मेंस परीक्षा क्रैक नहीं कर पाई. मगर साल 2021 में उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने यूपीएससी क्लियर करके 168 रैंक हासिल की और आईपीएस अधिकारी बन गई. जिसके बाद साल 2022 में उन्होंने फिर से परीक्षा दी और इस बार उन्होंने 53rd रैंक हासिल करते हुए आईएएस अधिकारी बनने का अपना और अपने पिता का सपना पूरा किया.