उत्तराखंड राज्य से एक बेहद ही दुखद खबर सामने आ रही है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी की सुरक्षा में तैनात कमांडो प्रमोद रावत ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है. घटना के समय वह कमांडो मुख्यमंत्री आवास के अंदर बने पीएससी बैरिक में था. पिछले 7 महीने में इस तरह की यह दूसरी घटना है. इससे पहले एक युवती ने मुख्यमंत्री आवास में आत्महत्या कर ली थी.
बताया जा रहा है कि कमांडो प्रमोद रावत छुट्टी ना मिल पाने की वजह से मानसिक तनाव में थे. जिस वजह से कमांडो प्रमोद रावत ने यह कदम उठाया है. हालांकि अभी तक इस बात की कोई भी पुष्टि नहीं की गई है कि कमांडो प्रमोद रावत की मौत का असल कारण क्या है. देहरादून एसएसपी दिलीप सिंह ने इस मामले में यह बताया है कि कमांडो प्रमोद रावत ने 16 जून से घर में होने वाली भागवत कथा के लिए छुट्टी के लिए आवेदन किया हुआ था. वर्तमान वक्त में कमांडो प्रमोद रावत मुख्यमंत्री आवास में तैनात थे. लगभग दोपहर 12:30 बजे सीएम आवास के अंदर बने पीएससी बैरिक में कमांडो प्रमोद रावत ने AK-47 राइफल से खुद को गोली मार ली. गोली कमांडो प्रमोद रावत के गर्दन के निचले हिस्से में लगी है. साल 2007 बैच के प्रमोद रावत मूल रूप से उत्तराखंड राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के रहने वाले थे. मगर वर्तमान समय में वह देहरादून के विजय कॉलोनी में रह रहे थे. कमांडो प्रमोद रावत साल 2016 से मुख्यमंत्री आवास में तैनात थे. इस घटना की सूचना मिलते ही सभी अधिकारी मौके पर पहुंचे.
जिसके बाद देहरादून एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने कमांडो प्रमोद रावत की मौत की पुष्टि की और इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी. इस घटना की गंभीरता को देखते हुए फॉरेंसिक टीम से जुड़े अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. इस पूरी घटना पर जानकारी देते हुए एडीजी अभिनव कुमार ने यह बताया कि कमांडो प्रमोद रावत की मौत के कारण का पता पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगा. एडीजी अभिनव कुमार ने यहां भी आशंका जताई है कि आत्महत्या की बजाय यहां मामला एक्सीडेंटल डेथ का भी हो सकता है. मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात कमांडो का मुख्यमंत्री आवास में खुद को गोली मार लेना एक बेहद ही गंभीर मामला है. इस घटना में हैरानी की बात यह है कि यह कोई आत्महत्या का पहला मामला नहीं है.
Uttarakhand | Pramod Rawat, a commando posted in the security of CM, allegedly accidentally shot himself dead with his own service rifle. The incident took place in the commando barracks. Senior officials have reached the spot and the forensic team is conducting the investigation… pic.twitter.com/X9HqkMcuxI
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 1, 2023
इससे पहले मुख्यमंत्री आवास में 10 नवंबर 2022 को सर्वेंट क्वार्टर में एक 25 साल की युवती ने भी आत्महत्या कर ली थी. वह युवती मूल रूप से रुद्रपुर की रहने वाली थी. जोकि अपने परिवार के साथ ही मुख्यमंत्री आवास में रहती थी. उस वक्त यह भी बताया जा रहा था कि वह युवती पुलिस में भर्ती होने की तैयारी कर रही थी और किसी कारण डिप्रेशन में उसने आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लिया. मुख्यमंत्री आवास में 7 महीने के अंदर दो आत्महत्याओं का होना यह बताता है कि ड्यूटी पर तैनात कोई कर्मचारी हो या कोई अन्य लोगों हो समय-समय पर उनकी काउंसलिंग होना बेहद ज्यादा जरूरी है. दरअसल वीआईपी ड्यूटी में तैनात होने के कारण वह कर्मचारी बाहर की दुनिया से थोड़ा सा कटा हुआ रहता है. ऐसे में काउंसलिंग के जरिए उनकी समस्याओं के बारे में समय-समय पर जाना जा सकता है.