
उत्तराखंड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. जैसे उत्तराखंड के युवा अपनी वीरता के लिए प्रसिद्ध है, वैसे ही उत्तराखंड के युवा अलग-अलग क्षेत्रों में उपलब्धियां प्राप्त कर उत्तराखंड का मान बढ़ा रहे हैं. आज हम जिनकी उपलब्धि के बारे में बता रहे हैं वह नैनीताल के रहने वाले हैं.
जी हां हम बात कर रहे हैं डॉ.धीरज चंद्रा की. डॉ. धीरज चंद्रा ने अपनी मेहनत के दम पर प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) में 16 उम्मीदवारों को पीछे छोड़ प्रथम श्रेणी से असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयनित हुए हैं. डॉ. धीरज चंद्रा की इस उपलब्धि पर आईआईएम काशीपुर केनिदेशक ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से बधाई दी है.
बचपन से ही होनहार और मेधावी छात्र रहे डॉ धीरज चंद्रा मूल रूप से नैनीताल के निवासी हैं लेकिन वर्तमान में वह हल्द्वानी डहरिया में रहते हैं. भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय नैनिताल से उन्होंने अपनी बचपन की पढ़ाई की. उसके बाद उन्होंने अखिल भारतीय इंजीनियर की परीक्षा पास की.
गेट परीक्षा पास करने के बाद वह आईआईटी दिल्ली में इंजीनियरिंग के एमटेक औद्योगिक इंजीनियरिंग कार्यक्रम में चयनित हुए. डॉ. धीरज चंद्रा की इस उपलब्धि पर काशीपुर के लिए कक्षा में उन्हें व्यक्तिगत रूप से बधाई दी है. बचपन से ही होनहार और मेधावी छात्र रहे डॉ धीरज चंद्रा मूल रूप से नैनीताल के निवासी हैंं
लेकिन वर्तमान में वह हल्द्वानी डहरिया में रहते हैं. भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय नैनिताल से उन्होंने अपनी बचपन की पढ़ाई की. उसके बाद उन्होंने अखिल भारतीय इंजीनियर की परीक्षा पास की.गेट परीक्षा पास करने के बाद वह आईआईटी दिल्ली में इंजीनियरिंग के एमटेक औद्योगिक इंजीनियरिंग कार्यक्रम में चयनित हुए.
फिर उन्होंने पीएचडी करने के लिए आईआईटी रुड़की में दाखिला लिया और 2019 में सप्लाई चैन मैनेजमेंट विषय में पीएचडी की परीक्षा भी पास की.इसके बाद वे कुछ वर्ष तक आईआईटी कानपुर में पोस्टडॉक्टोरल फेलो के पद पर रहे और अब दूसरे आईआईटी एवम् आईआईएम में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए उनका चयन हुआ है.
उनके पिता जोकि भीमताल एसबीआई में सहायक प्रबंधक के पद से सेवानिवृत्त हैं और उनकी मां ग्रहणी हैं उन दोनों को भी अपने बेटे पर बहुत गर्व है.उनकी इस कामयाबी से पूरे परिवार में हर्षोल्लास का माहौल बना हुआ है. हम उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं.