
उत्तराखंड भारत का एक ऐसा राज्य है जिसे देव भूमि के नाम से भी जाना जाता है. उत्तराखंड जितना अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है उतना ही अपने होनहार युवाओं के नाम के लिए भी जाना जाता है.हाल ही में कजाकिस्तान में चल रहे जूनियर एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में राज्य के युवा अपना हुनर दिखाते दिखे.राज्य के पिथौरागढ़ से पांच युवा कजाकिस्तान में हो रहे इस मुकाबले के लिए चयनित किए गए थे. महत्वपूर्ण बात यह है कि इन पांचों युवाओं ने इस प्रतियोगिता में भारत के लिए पदकों की लाइन लगाते हुए अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन करके दिखाया है.
इन में सबसे ज्यादा चर्चित रहि है निकिता चंद. आपको बता दें कि निकिता को कजाकिस्तान में आयोजित जूनियर एंड यूथ एशियाई चैंपियनशिप में भारत की तरफ से चुना गया था.निकिता ने 60 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल मुकाबले में उज्बेकिस्तान की बॉक्सर को पहले ही राउंड में धूल चटा दी और एशियाई चैंपियन का खिताब अपने नाम दर्ज कर लिया. जानकारी के अनुसार निकिता तीन बार एशियाई चैंपियनशिप की विजेता बन चुकी हैं.
निकिता बिजेंद्र मल्ल बॉक्सिंग अकादमी से प्रशिक्षण ले रही हैं.वह पीएनएनएफ स्कूल की छात्रा हैं. निकिता के पिता सुरेश चंद पिथौरागढ़ के ग्राम बड़ालू के रहने वाले हैं.निकिता नौ साल की उम्र में पिथौरागढ़ में अपने फूफा विजेंद्र मल के यहां आ गई थी. उसे समय वह कक्षा 4 में थी और फूफा जी ने उनका एडमिशन स्कूल में कर दिया था.निकिता ने फूफा को बॉक्सरों के साथ पंच मारते देखा तो उसे भी बॉक्सिंग का शौक हुआ और उसने अपने फूफा की ही अकादमी में प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया.
21वीं सदी में जहां बच्चे फोन, सोशल मीडिया और गेम खेलने में लगे हैं वहीं दूसरी तरफ निकिता ने तीन बार भारत को स्वर्ण पदक दिला दिए हैं. वह युवाओं के बीच में एक मिसाल बनकर खड़ी है. संसाधनों की कमी होने के बावजूद भी पिथौरागढ़ के बड़ालू गांव की निवासी निकिता चंद ने पूरे देश का मान बढ़ाया है.
आपको बता दें की निकिता के पिता एक मामूली बकरी पालक हैं.निकिता ने सिर्फ 9 साल की उम्र में ही बॉक्सिंग को अपना लक्ष्य बना लिया था.इसके बाद शुरू हुआ एक मामूली से गांव पिथौरागढ़ की रहने वाली छोटी सी लड़की का एशियन चैंपियनशिप तक का सफर.निकिता के पिता सुरेश चंद खेती-बाड़ी और बकरी पालन कर परिवार का पालन पोषण करते हैं. जब निकिता के घर वालों को निकिता के जीत की खबर पहुंची तो वे सब बेहद ही भावुक हो उठे. पूरा उत्तराखंड इस होनहार बेटी की कामयाबी से बेहद ही खुश है. पिथौरागढ़ के बड़ालू में खुशी के लहर दौड़ पड़ी है.