उत्तराखंड की ISRO वैज्ञानिक प्राची बिष्ट को बधाई… मून मिशन में निभाई चंद्रयान को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी

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Congratulations to Uttarakhand's ISRO scientist Prachi Bisht... Played the responsibility of controlling Chandrayaan in the Moon mission
Congratulations to Uttarakhand's ISRO scientist Prachi Bisht... Played the responsibility of controlling Chandrayaan in the Moon mission (Image Source: Social Media)

उत्तराखंड राज्य के रहने वाले कई सारे वैज्ञानिक chandrayaan-3 मिशन का हिस्सा रहे हैं. उस लिस्ट में गौलापार की रहने वाली प्राची बिष्ट का नाम भी शामिल है. जिनका योगदान कंट्रोल यूनिट में रहा. भारत में अपने चंद्रयान 3 मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया है, जिसकी सराहना पूरी दुनिया में की जा रही है. प्राची बिष्ट की नियुक्ति इसरो में 2019 में हुई थी .

प्राची ने अपनी हाई स्कूल तक की पढ़ाई केरला से ही पूरी की है. उनके पिता खड़क सिंह बिष्ट भारतीय नौ सेना से रिटायर्ड हैं, जबकि माता तुलसी बिष्ट एक कुशल गृहणी हैं. पिता के नौसेना में होने की वजह से प्राची ने अपने हाईस्कूल तक की पढ़ाई बाहर ही की है. जिसके बाद 2011 में हल्द्वानी आने के बाद उन्होंने अपनी इंटर तक की पढ़ाई हल्द्वानी के सेंट थेरेसा स्कूल से की है.

प्राची का परिवार गौलापार के गोविंदपुर गांव में रहता है. प्राचीन ने जेईईई एडवांस में क्वालिफाई किया जिसके बाद उन्हें तिरुअनंतपुरम के आईआईएसटी में प्रवेश मिला. प्राची बिष्ट ने आईआईटी में स्पेस साइंटिस्ट बनने की पढ़ाई पूरी की.

जिसके बाद सितंबर 2019 में उन्हें इसरो के बंगलौर स्थित केंद्र में प्रवेश मेला. जिसके बाद से उन्होंने chandrayaan-3 मिशन के लिए काम करना शुरू कर दिया. उनकी टीम को chandrayaan-3 को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी की गई थी.

पिता खड़क सिंह बिष्ट चंद्रयान 3 मिशन में अपनी बेटी की भागीदारी से बहुत ही ज्यादा खुश हैं साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्राचीन यही चाहती थी कि यहां मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो जाए. उन्होंने यह भी कहा कि वैज्ञानिक का काम कभी भी पूरा नहीं होता है. एक मिशन के पूरा होते ही उन्हें अगले मिशन के ऊपर अपना ध्यान केंद्रित करना होता है. चंद्रयान मिशन की कामयाबी पर पूरे देश को बधाई.

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