- उत्तराखंड सरकार ने राज्य में बसों को फिर से चलाने का आदेश दिया
- आदेश के बाद भी बस संचालक बस चलाने के लिए नहीं है राजी
- बस संचालकों ने कहा जब तक उनकी सभी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक बसें नहीं चलेंगी
उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को खोलने का आदेश दे दिया है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट खोलने के बावजूद भी बस संचालक सड़कों पर अपने अपने वाहन चलाने को बिल्कुल भी तैयार नहीं है। सिटी बस संचालकों का कहना है कि यदि सरकार चाहती है कि बसों का संचालन फिर से शुरू हो तो उसके लिए उत्तराखंड सरकार को उनकी सभी मांगे पूरी करनी होगी। देहरादून बस सेवा महासंघ के अध्यक्ष विजय वर्धन ने कहा कि शहर में बसों के चक्के तब तक रुके रहेंगे जब तक सरकार उनके द्वारा पेश की गई सभी मांगों पर विचार नहीं करती। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार चाहे तो हम इस मामले पर एक बार फिर से बातचीत करने के लिए तैयार हैं।
दरअसल बस संचालकों की मांग है कि बस चलाते समय अगर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने हेतु वो बस की बीच वाली सीट खाली छोड़ते हैं तो उससे उनको काफी ज्यादा नुकसान होगा। इसलिए बस संचालकों का कहना है कि उनके नुकसान की भरपाई करने के लिए यात्री किराया दोगुना कर दिया जाए। बस संचालकों की यह भी मांग है कि सरकार फिटनेस परमिट रिन्यूअल, ड्राइविंग लाइसेंस, रोड टैक्स और कई अन्य पेनल्टी को अगले एक साल के लिए माफ कर दें। केवल इतना ही नहीं संचालकों का कहना है कि सरकार अगले 6 महीनों के लिए इंसयूरेन्स भी माफ कर दे ताकि उनके अतिरिक्त खर्चे बच सकें।