उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ से एक बेहद ही दुखद खबर सामने आ रही है. पिथौरागढ़ जनपद के झुलाघाट में पहाड़ से गिर रहे पत्थरों की चपेट में आकर पिता-पुत्र काली नदी में जा गिरी. पुलिस दोनों की खोजबीन में लगी हुई है मगर उफनती नदी में दोनों का कोई भी सुराग नहीं मिल पा रहा है. इस खबर के बाद से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है.
शुक्रवार के दिन झुलाघाट के रहने वाले संतोष चंद(44) अपने 6 साल के बेटे तनुज के साथ श्मशान घाट के ऊपर पहाड़ी में अपनी बकरियां चरा रहे थे. उनकी पत्नी लीलावती(35) लगभग 200 मीटर की दूरी पर घास काट रही थी. उसी दौरान अचानक से पहाड़ से पत्थर गिरने लगे जिसकी चपेट में संतोष और उनका बेटा तनुज आ गए और उस वजह से ही वह काली नदी में जा गिरे.
उनकी चीख-पुकार सुनकर जब तक उनकी पत्नी लीलावती नदी किनारे पहुंची तब तक नदी के तेज बहाव की वजह से वह दोनों नदी के साथ बह गए. इसके बाद जब लीलावती भी दोनों को बचाने के लिए काली नदी में कूदने लगी तो नदी किनारे ना रहे कुछ युवकों ने उन्हें रोक लिया.
इसके बाद इस घटना की सूचना झुलाघाट पुलिस को दी गई और रोती बिलखती लीलावती को घर लाया गया. उन लोगों के गुजर बसर का अहम जरिया खेती और पशुपालन ही था. उनके परिवार में 7 वर्ष की बेटी रितिका, एक छोटा भाई मनु चंद और विधवा मां कमला चंद है. इस घटना के बाद से सभी गहरे सदमे में हैं.
तनुज कक्षा 1 और रितिका कक्षा 2 में सरस्वती शिशु मंदिर झुलाघाट में ही पड़ते हैं. झुलाघाट थाने के थाना अध्यक्ष अर्जुन सिंह राणा ने काली नदी के किनारे कानडी, बलतड़ी, सप्तड़ी और पंचेश्वर तक रहने वाले ग्रामीणों को इस घटना की जानकारी दे दी है. दोनों पिता-पुत्र को पुलिस काली नदी के किनारों में ढूंढ रही है.