उत्तराखंड में आए दिन जंगली जानवरों के हमले की खबरें सामने आती रहती हैं. इन हमलों के चलते न जाने कितने मासूम बच्चों, जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ती है. राज्य के पिथौरागढ़ से ऐसी एक खबर सामने आई है. जहां गंगोलीहाट तहसील क्षेत्र के एक आदमखोर ने एक 2 साल के बच्चे को अपना निवाला बना लिया. जिस समय यह घटना घटित हुई उस समय बच्चा आंगन में खेल रहा था.
घटना के बाद बच्चे के परिवार में कोहराम मचा हुआ है साथ ही साथ समूचा क्षेत्र भी खौफ में भरा हुआ है.गांव वालों ने वन विभाग की टीम को बुलाकर आदमखोर को पकड़कर पिंजरे में बंद करने या उसे मारने की मांग की है.प्राप्त जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला राज्य के पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट तहसील क्षेत्र के कोठेरा गांव का है.
बताया जा रहा है कि रूद्रपुर निवासी नेत्रपाल का दो वर्षीय बेटा अंशु बीते डेढ़ साल से अपनी मां के साथ उसके मायके में रहता था. जिसका कारण यह था कि अंशु के पिता हरिद्वार में नौकरी करते थे. कव्वाली ने बताया कि बीते सोमवार को अंशु अपने आंगन में रोज की तरह खेल रहा था.
तभी एक आदमखोर ने उसे मुंह में दबाया और उसे जंगल की ओर ले गया. काफी देर तक जब अंशु आंगन में नजर नहीं आया तो परेशान उसे ढूंढने लगे. ढूंढते हुए उन्हें आंगन में खून के धब्बे दिखाई दिये. तब खून के धब्बों का पीछा करते हुए जब वह आगे बढ़े तो करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर उन्हें अंशु लहूलुहान हालत में मिला.
गांव वालों ने तुरंत अंशु को सीएचसी में भर्ती कराया लेकिन तब तक अंशु दम तोड़ चुका था. डॉ मयंक पाहवा ने उसे मृत्यु घोषित कर दिया. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस विभाग और वन विभाग की टीम ने शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.