उत्तराखंड राज्य के नैनीताल के हल्द्वानी शहर में 21 फरवरी 2017 को एक ऐसी घटना घटी जिसने हर किसी को दहला दिया. दिनांक 21 फरवरी को कर्नल डीके शाह जोकि सत्यलोक-5 डहरिया के रहने वाले हैं. वह अपने कुछ घरेलू कामों की वजह से हरिद्वार गए हुए थे. कर्नल डीके शाह के हरिद्वार जाने के बाद उनके घर पर उनकी धर्मपत्नी प्रेरणा साहब और उनकी बूढ़ी मां शांति देवी मौजूद थी. 21 फरवरी की रात 10:00 बजे डीजे शाह ने अपनी धर्मपत्नी से फोन पर बात की.जिसके अगले दिन जब वहां ऋषिकेश पहुंचे थे तो उस वक्त उन्हें एक बहुत ही बुरा समाचार मिला. उन्हें पता चला कि रात के वक्त कुछ बदमाशों ने उनके घर पर घुस के उनकी मां और उनकी धर्म पत्नी की हत्या कर दी.
इस घटना की खबर सुनते ही उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई. उसके एक ही रात में उनसे उनका सब कुछ छीन गया. दिनांक 23 फरवरी को डीके साहनी हल्द्वानी कोतवाली में बदमाशों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई. जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में एक कारपेंटर और कर्नल के बटमैन को गिरफ्तार किया था. इतने सालों से चल रहा है इस केस में अब जाकर फैसला सुनाया गया है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुजाता सिंह ने हत्या के दोषी अख्तर अली और महेंद्र नाथ गोस्वामी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.
सास बहू की हत्या के मामले में बहुत ही ज्यादा गहरी जांच करने के बाद पुलिस ने कारपेंटर अख्तर अली पुत्र मिर्जा निवासी हरोड़ थाना आजिम नगर रामपुर, हाल निवासी हल्द्वानी और कर्नल के बटमैन महेंद्र नाथ गोस्वामी पुत्र स्व. शिवनाथ गोस्वामी निवासी गैस गोदाम रोड, हल्द्वानी को गिरफ्तार किया था. पिछले दिनों जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुजाता सिंह की अदालत में दोष साबित करने को लेकर सुनवाई हुई.
उस सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील कुमार शर्मा ने 18 गवाह पेश किए. हत्या के दोनों आरोपियों की कॉल डिटेल और लोकेशन को भी साबित किया गया. जिससे यह साबित हुआ कि दोनों आरोपियों ने हत्या होने से पहले और हत्या होने के बाद बहुत बार एक-दूसरे से बातचीत की है और साथ ही दोनों आरोपियों की लोकेशन भी घटनास्थल पर ही पाई गई है.
जिसके बाद इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुजाता सिंह ने हत्या के दोषी अख्तर अली और महेंद्र नाथ गोस्वामी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है और दंड अदा न करने पर 3 वर्ष के अधिक कारावास की सजा भी सुनाई गई है. जिसके बाद कोर्ट के द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद जमानत पर चल रहे हैं हत्या के दोनों ही आरोपियों को जेल भेज दिया गया.