नैनीताल में स्थित भीमताल डैम अब वहां के निवासियों के लिए खतरा बन चुका है। दरसअल यह डैम 140 साल पुराना डैम है। इसे 1880 के दशक में बनाया गया था। अब यह डैम 140 वर्ष पूरे कर चुइस डैम को विक्टोरिया डैम भी कहा जाता है क्योंकि इसे अंग्रेज़ो ने बनवाया था। हालांकि डैम की उम्र केवल 100 साल ही थी, यानी साल 1980 में ही यह डैम बूढ़ी हो गयी थी। लेकिन अब भीमताल डैम पर जगह जगह दरारें पड़ गयी है। दरार पड़ने के कारण डैम से पानी का रिसाव हो रहा है जिसके कारण इसकी दीवार अब कमजोर होने लगी है। बताया जा रहा है कि यदि डैम टूटा तो इससे पूरे हलद्वानी में भारी तबाही हो सकती है। लेकिन इसके बावजूद भी राज्य सरकार डैम की मरम्मत को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है।
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दरअसल भीमताल डैम का निर्माण अंग्रेजों ने सिंचाई और पेयजल के लिए किया था। 1880 में अंग्रेज सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों में खेती पर तराई करने के लिए इस डैम का निर्माण किया था। इस डैम के बनने के बाद स्थानीय लोगों को तराई करने में काफी मदद मिली और गर्मियों में इससे उनकी प्यास भी बुझ जाया जरती थी। लेकिन अब डैम की हालत काफी खराब हो चुकी है। स्थानीय निवासियों के अनुसार यदि डैम टूटता है तो हल्द्वानी में साल 2013 की तरह केदारनाथ जैसी आपदा आ सकती है। इसी के चलते स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता पूरण ब्रजवासी ने भीमताल डैम की मरम्मत के लिए अब प्रधानमंत्री मोदी से भी मदद की गुहार लगाई है। कहीं ऐसा न हो कि जब तक डैम की मरम्मत का प्रस्ताव पास हो तब तक कोई बड़ी घटना न घट जाए। डैम के पुनर्निर्माण के लिए राज्य द्वारा केंद्र सरकार को कई बार प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन अभी इसपर कोई भी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
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