पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले युवा वर्ग के लिए जिंदगी बहुत मुश्किल है. मगर पहाड़ का युवा वर्ग उन मुश्किलों को भी पार करके उसे जीत में तब्दील कर देता है. ऐसे ही एक युवा का नाम मनीष मंडल है. जोकि उत्तराखंड राज्य के नैनीताल का रहने वाले हैं. अपने घर की तमाम परेशानियों के बावजूद भी उन्होंने ताइक्वांडो मैं अपना हाथ आजमाया और मलेशिया में हुई ताइक्वांडो प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रहे.
ये गोल्ड मेडल जीतकर जब मनीष अपने घर नैनीताल पहुंचे तो लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया.मनीष का परिवार सूखाताल क्षेत्र में रहता है. वर्तमान समय में वह 12वीं कर रहे हैं. मनीष ने 17 अगस्त से 20 अगस्त को मलेशिया में होने वाली ताइक्वांडो प्रतियोगिता में 54 किग्रा वर्ग में भाग लिया था. जिसमें उन्होंने स्वर्ण पदक जीता है. मनीष ने अलग-अलग राउंड में श्रीलंका, मलेशिया, थाईलैंड, चीन के खिलाड़ियों को हराया.
शनिवार को शहर पहुंचने पर उनके स्वजनों के साथ ही सैनिक स्कूल के बाल सैनिकों सहित खेल प्रेमियों ने मनीष का ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस निकालकर स्वागत किया. आज जहां हम मनीष की सफलता को देखकर बहुत ही ज्यादा खुश हैं.वही हमें उस सफलता के पीछे किए गए संघर्ष को जानना भी बहुत ही जरूरी है.
मनीष के पिता नहीं है. जिस वजह से घर का खर्च चलाने के लिए उनकी मां ब्यूटी पार्लर में काम करती है. पिछले महीने जब मनीष का चयन मलेशिया में होने वाली सीके क्लासिक मलेशिया ओपन इंटरनेशनल चैंपियनशिप के लिए हुआ तो उनके परिवार के पास उन्हें वहां भेजने के लिए पैसे नहीं थे. जिसके बाद मनीष के परिजनों ने शहर के लोगों से मदद मांगी. जिस पर कई सारी संस्थाओं और शहर के लोगों ने उनकी मदद की जिसके द्वारा मनीष को मलेशिया भेजा जा सका.
इसके बाद अब अगले महीने मनीष को लेबनान के बेयरुत में आयोजित एक और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए जाना है. इसके लिए भी उन्हें आर्थिक मदद की जरूरत है. उनका सपना है कि वह राष्ट्रमंडल खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करें और इस सपने को पूरा करने के लिए वह बहुत ही ज्यादा मेहनत भी कर रहे हैं.