भारत के हर क्षेत्र में कोई ना कोई फल ऐसा होता है. जिसकी सीजन के हिसाब से मांग बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. जिनमें से कुछ पल तो है से हैं जिनको आज तक सरकार बाजार उपलब्ध नहीं करा पाई है. मगर फिर भी उन फलों की मांग बहुत ही ज्यादा है. ऐसा ही एक पल उत्तराखंड राज्य में इस सीजन में होता है. उस फल का नाम काफल है. जिसे उत्तराखंड के साथ-साथ कई अन्य क्षेत्रों के लोग भी बहुत ज्यादा पसंद करते हैं.
यहां पर सरकार बाजार में उपलब्ध ना करा पाने के बावजूद भी धाम के मामले में फलों के राजा आम को भी पीछे छोड़ रहा है. काफल इतना ज्यादा खास फल है कि जिसे खाने का मौका सिर्फ चंद लोगों को ही मिल पाता है. बाजार में आम जहां 60 से ₹80 किलो बिक रहा है. वही काफल ₹400 किलो तक बिक रहा है.सरसों का तेल और पहाड़ी नूण काफल में मिला दिया जाए तो उसका स्वाद लाजवाब हो जाता है. आम के स्वाद के तो क्या ही कहने.
पहाड़ी क्षेत्रों में आने वाले आडू, पुलम, खुमानी ली लोगों की पसंद बने हुए हैं. मगर दाम के मामले में काफल ने सभी फलों को पीछे छोड़ दिया है. आलम यह है कि फिलहाल बाजार में काफल से महंगा कोई भी फल नहीं है. हल्द्वानी मंडी में काफल ना आने के बावजूद भी उसकी मांग अन्य फलों से कई ज्यादा है. काफल आपको मंडियों से ज्यादा बाजार की सड़कों पर कंडीयो में बिकते हुए मिलेंगे.
दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक रामगढ़ के रहने वाले गोपाल महिला अस्पताल के सामने अपनी कंडी में काफल बेचते हैं. गोपाल का कहना है कि 1 दिन में करीब 10 किलो तक काफल बिक जाते हैं. काफल को सिर्फ वही लोग खरीदते हैं. जिन्हें मालूम है कि यहां कितना स्वादिष्ट फल है. आने वाले वक्त में सरकार को काफल का उचित बाजार उपलब्ध कराना चाहिए. चलिए अब आपको इस मौसम में होने वाले फलों के रेट बताते हैं.
काफल – 350-400, आडू -70-80, खुमानी -130-150, पुलम -120-140, आम सफेदा -60-70, आम दशहरी -70-80, आम लंगड़ा -60-70, सेब -180-200, लीची -100-140