जंगल में घास लेने गई थी प्रेमा देवी, पैर फिसलने से खाई में गिरी, समय से आती एंबुलेंस तो बच जाती जान

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Prema Devi, who had gone to collect grass in the forest, slipped and fell into a ditch
Prema Devi, who had gone to collect grass in the forest, slipped and fell into a ditch (Image Source: Social Media)

नैनिताल: पहाड़ो में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल देख ऐसा लगता है जैसे सरकार द्वारा किए वादे सब धरे के धरे रह गए। पहाड़ो के लोगो छोटी छोटी स्वथ्य सेवाओं के लिए आज 2024 में भी बेहद मुश्किल में नजर आते है।एक ऐसी ही दिल पसीज देने वाली खबर आ रही है नैनीताल जनपद के बेतालघाट तहसील के रोपा गांव से जहां की 51 वर्षीय प्रेमा देवी जी जो हर एक पहाड़ी महिला की भांति कठिन परिश्रमी जीवन यापन करती थी। जो अपनी जीवनचर्या चलाने एवम अपने घर बार संभालने के लिए दिन रात मेहनत करती जंगलों में घास काटने जाति थी आज इस दुनिया में नहीं है।

बता दे की 6 अक्टूबर को जब प्रेम देवी घास काटने जंगल गई थी उस दौरान घास काटते हुए अचानक पैर फिसलने से वह गिर गई तथा गंभीर रूप से घायल हो गई। जिसके पश्चात तुरंत ही परिजन उन्हें प्राथमिक उपचार हेतु बेतालघाट सीएचसी अस्पताल ले गए जहां स्वाथ्य सेवा में कमी के चलते उन्हें सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी रेफर किया गया।

परिवार जनों ने 108 एंबुलेंस सेवा से संपर्क कर एंबुलेंस बुलाई परंतु वह 1:30 घंटे बाद पहुंची जिस कारणवश प्रेमा देवी की हालत और गंभीर हो गई और पीड़ित बुजुर्ग महिला ने रास्ते में ही दम तोड दिया। यह सवाल धामी सरकार से जनता पूछना चाहती है की आखिर इस दौर में भी उत्तराखंड के ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य सेवाए पूर्ण क्यों नहीं है? क्यों ऐसा होता आ रहा है की स्वास्थ्य सेवाओं में कमी के चलते मरीज दम तोड देते है?

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