दुधवा टाइगर रिज़र्व में 82 साल बाद एक बार फिर से देखने को मिला रेड कोरल कूकरी सांप

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Red coral cookery snake appears in Dudhwa Tiger Reserve after 82 years

भारत-नेपाल सीमा 1084 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला है दुधवा टाइगर रिजर्व जहां ऐसे जीवों को रखा गया है जो अब सीमित मात्रा में रह गए हैं। यहाँ आपको बाघ भालू हिरण जैसे दुर्लभ जीव देखने को मिल जाएंगे। लेकिन बीते कुछ सालों में आये बड़ें परिवर्तन के कारण यहां के जीव लुप्त होने की कगार पर आ गए है। जिनमें एक सांप रेड कोरल भी शामिल है जिसे 82 सालों के बाद इस राष्ट्रीय पार्क में देखा गया है। और इसके सामने आने के बाद यहां के कर्मचारियों अधिकारियों में प्रोत्साहन की लहर दौड़ उठी है।

यूँ तो समय के परिवर्तन के साथ साथ जीव जगत में पुरानी स्पीसीज विलुप्त होती हैं और इनके स्थान पर नई स्पीशीज का उदभव होता है। लेकिन बीते समय में जैसा परिवर्तन दुनिया भर में विज्ञान के नज़रिए से किया जा रहा है दुनिया में मानव जितने कु कर्म अपनी आवश्कताओं के अनुरुप कर रहा है उनका सीधा प्रभाव हमारी प्रकृति पर पड़ रहा है। कभी कभी प्रकृति अपने गुस्से से मानव को संकेत भी देती है लेकिन इंसान है कि सुधरने का नाम नहीं ले रहा। विश्व मे लगातार जीवों की संख्या दुर्लभ होती जा रही है। आज हम आपको ऐसे ही एक सरीसृप जीव की हकीकत से रूबरू करवाएँगे जो विलुप्त होंने की कगार में है जानने के लिए पढिये आगे।

आखिरी बार 1936 में देखा गया था
सूत्रों के हवाले से 1936 में इस रेड कोरल साँप को दुधवा में देखा गया था। बताया जा रहा है कि इससे पहले यह सांप वहां अन्य साँपो की तरह देखने को मिल जाता था। लेकिन जानकारी के मुताबिक अचानक 1936 के बाद यह सांप दिखना बन्द हो गया। और सीधे 2018 में सामने आया जब 2018 से यह आकर्षण का केंद्र बना हुआ है बता दें कि जब से यह सांप सामने आया है तबसे दुधवा पार्क के कर्मियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है वहीं प्रकृतिप्रेमियों, वन्यजीव प्रेमियों में इस दुर्लभ साँप को देखने के लिये काफी उत्सुकता झलक रही है। यह भी पढ़े: उत्तराखंड: SDRF टीम ने ढूंड निकले केदारनाथ में लापता हुए 4 युवकों को, ट्रेकिंग करते वक़्त हुए थे लापता

क्यों बोला जाता है इसको खुकरी सांप
पार्क के एक अधिकारी के मुताबिक यह सांप रेड कोरेल खूंकरी के नाम से विख्यात है। यह संकटग्रस्त प्राणी है जिसको यह ख़ूकरी नाम नेपाल से मिला है यह नाम इसे इसलिये मिला क्योंकि इस सांप के ख़ूकरी जैसे दांत होते बता दें कि ख़ूनरी एक धारदार हथियार होता है जिसका प्रयोग सेना में भी प्रयोग होता है। वहीं यह सांप आमतौर पर किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता न ही यह जहरीला होता है।

कब आया यह सांप सामने
बता दें की दुधवा पार्क में लगातार बारिश हो रही थी और इसी बारिश के समय यह साँप एक पार्क कर्मचारी के घर के अंदर देखा गया। और कर्म चरियों ने इस सांप का वीडियो बनाकर बड़े अधिकारियों को सेंड कर दिया और अंतः इस दुर्लभ प्राणी को वहां से उठाकर जंगल में छोड़ दिया गया।

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