उत्तराखंड- यूरोप की सबसे ऊंची चोटी एलब्रुस पर रोहित भट्ट ने फहराया तिरंगा, बड़ा देश का मान

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Rohit Bhatt of Uttarakhand hoisted the tricolor on Europe's highest peak Elbrus
Rohit Bhatt of Uttarakhand hoisted the tricolor on Europe's highest peak Elbrus (Image Source: Social Media)

यूरोप महाद्वीप से पूरे देश और उत्तराखंड राज्य को गौरवान्वित करने वाली खबर सामने आ रही है. रिचर्स डिस्ट्रिक्ट रेजिडेंट रोहित भट्ट ने यूरोप महादीप का सबसे ऊंचा पर्वत रूस में स्थित माउंट एल्ब्रस इंकलाब से 5642 मीटर की दूरी पर सफाल्टा पर्वत पर चढ़ाई की और दिनांक 19 अगस्त 2023 को लगभग सुबह के 6:25 बजे भारत का नेशनल फ्लैग लगाकर विश्व रिकॉर्ड बना लिया है.

इससे पहले पर्वतारोही रोहित भट्ट ने तंजानिया के माउंट किलिमंजारो चोटी को फतह कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था, यह छोटी अफ्रीका महाद्वीप की सबसे गहरी चोटियों में से एक है.अपनी इस उपलब्धि के बारे में उन्होंने बताते हुए कहा कि इस पर्वत को फतेह करने में वैसे तो पूरे 6 दिन लगते हैं मगर उन्होंने महेश 3 दिन यानी 16 घंटे 12 मिनट में इस पर्वत को फतह करके दिखाया है.

दिनांक 30 जनवरी 2023 को रोहित भट्ट भारत से तंजानिया के लिए रवाना हुए 25 जनवरी की सुबह किलिमजारो पार्क से यात्रा शुरू हुई, रोहित ने अफ्रीका महाद्वीप के सबसे निचले पायदान पर 28 जनवरी, 2023 को सुबह 6 बजे 361 फीट का भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया. रोहित भट्ट ने यहां बताया कि मध्य प्रदेश के रहने वाले अंकित सैनी नहीं दिनांक 26 जनवरी 2023 को 350 फीट पर जाना फेरा का रिकॉर्ड बनाया था. जिसके बाद अब रोहित भट्ट ने दिनांक 28 जनवरी को 16 घंटे 12 मिनट में 361 फीट में भारत के झंडे को लगाकर अंकित सेन का रिकॉर्ड तोड़ने का काम किया है.

चोटी फतह करने के बाद रोहित भट्ट ने द्रौपदी का डांडा एवलॉन्च में मारे गए 29 लोगों की फोटो लगा हुआ बैनर हाथ में लेकर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए याद किया है. रोहित भट्ट ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता, राजस्थान पुलिस के सोहन तनवर और पायनियर एवरेस्टर कंपनी को दिया है. उन्होंने 361 फीट बड़े झंडे को फहराया है, उसकी कीमत 1 लाख 70 हजार रुपये है. रोहित ने यह भी कहा कि किलिमंजारो में चढ़ने के लिए पर्वतारोहियों को लगभग 6 दिन का समय लगता है.

मगर इस काम को तीन दिन में 16 घंटे 12 मिनट में पूरा कर विश्व रिकॉर्ड और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कर दिया है. दिनांक 4 अक्टूबर 2022 को उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी में स्थित द्रौपदी का डांडा में आए एवलॉन्च से रोहित सकुशल घर लौटे थे.जिसमें कि नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के 29 लोगों की मृत्यु हो गई थी. उस दौरान चले ऑपरेशन में एक इंस्ट्रक्टर के साथ चार अन्य लोगों की जान भी बचाई गई थी. जिसके बाद रोहित भट्ट मैं कुछ दिनों का बेड रेस्ट लिया और पर्वतारोहण के लिए तैयार होकर 23 जनवरी को दिल्ली से फ्लाइट पकड़ के तंजानिया पहुंच गए.

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