जिसका ध्यान अपने लक्ष्य पर होगा.. वही चुनौतियो के सामने खड़ा होगा……पहाड़ी राज्यों की होनहार बेटियां पूरे देश में अपने प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं. उन्हीं में से एक होना बेटी के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं. जो कि वैसे तो कभी अपनी आंखों के खराब होने के कारण सुंदर संसार को नहीं देख पाई. मगर उस होनहार बेटी अपनी कड़ी मेहनत और लगन से एक अहम मुकाम हासिल कर लिया है. जिस वजह से आज हर कोई उसकी सराहना कर रहा है.
आज हम बात करने जा रहे हैं हिमाचल प्रदेश के मंडी के सदर क्षेत्र की तरनोह पंचायत की प्रतिभा ठाकुर के बारे में जिनका चयन राजनीतिक विज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ है. बचपन से ही अपनी आंखों से लाचार होने के बावजूद भी आज अपने नाम के अर्थ को सार्थक साबित कर दिया है और सभी को यह बता दिया है कि भले से वह दिव्यांग है मगर उनके अंदर भी प्रतिभा कूट-कूट कर भरी है. प्रतिभा के इस उपलब्धि के कारण उनके पूरे परिवार व क्षेत्र में खुशी का माहौल है. वर्तमान समय में प्रतिभा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान विषय पर पीएचडी कर रही है.(Pratibha thakur professor Himachal)
प्रतिभा के पिता के चंद्र शास्त्री प्रतिभा के बचपन के दिनों को याद करते हुए यह कहते हैं कि बचपन में उन्होंने प्रतिभा की आंखों की रोशनी वापस लाने के लिए उसका बहुत जगह इलाज कराया. मगर उन्हें उसका कोई भी परिणाम नहीं मिला. आंखों की रोशनी ना होने के बावजूद भी जा प्रतिभा ने स्कूल जाने की ज़िद की तो उनका पूरा परिवार सोच में पड़ गया. फिर जब पूरे परिवार के बहलाने के बाद भी बात नहीं बनी. तो फिर प्रतिभा के पिता ने घर में ही प्रतिभा की पढ़ाई की व्यवस्था की.
जिसके बाद जब प्रतिभा ने स्थानीय स्कूल से पांचवी कक्षा की परीक्षा अच्छे नंबरों से पास की तो प्रतिभा के माता-पिता को विश्वास हो गया कि उनकी बेटी में हुनर की कोई भी कमी नहीं है. जिसके बाद प्रतिभा छठी कक्षा से नियमित स्कूल जाने लगी. जिसके उपरांत उन्होंने बरयारा स्कूल से इंटरमीडिएट, मंडी कॉलेज से बीए, एमए, बीएड और एमएड की परीक्षाएं प्रथम श्रेणी में पास की. (Pratibha thakur professor himachal)
जिसके बाद साल 2020 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पीएचडी राजनीतिक शास्त्र मैं प्रतिभा को चुना गया. प्रतिभा अपनी इस उपलब्धि का श्रेया अपने परिजनों, प्रो. अजय श्रीवास्तव, प्रो. महेंद्र यादव, प्रो. चमन लाल क्रांति को देती है. प्रतिभा जैसी होनहार बेटियां उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है. जो कि छोटी-मोटी मुश्किलों को देखकर ही हार मान लेते हैं.