उत्तराखंड की बेटियाँ अपनी प्रतिभा, साहस और दृढ़ संकल्प के साथ हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निरंतर मेहनत और संघर्ष कर रही हैं और नए मुकाम हासिल कर रही हैं। वहीं नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर की सोनी बिष्ट की कहानी भी संघर्ष और साहस की एक प्रेरक उदाहरण है। उनकी शादी के महज एक महीने बाद ही एक सड़क हादसे में उनके सैनिक पति की जान चली गई, लेकिन सोनी बिष्ट ने हार नहीं मानी और अपने जीवन को नई दिशा देने का फैसला किया। सोनी ने दुःख में डूबने के बजाय अपने पति के अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया और अपने जीवन को नई दिशा देने के लिए एक अनोखा फैसला किया।
आज वह आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स में शामिल होकर एक वीर योद्धा के रूप में अपनी पहचान बना रही हैं, न कि एक विधवा के रूप में।सोनी ने अपने पति नीरज को खोने के बाद जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना किया, लेकिन सबसे बड़ा झटका तब लगा जब उनके पति की मौत के बाद उनकी मां को हार्ट अटैक आया और उनका जीवन और भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया। उस समय सोनी की जिंदगी पूरी तरह से दुःख और चुनौतियों से घिरी हुई थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने साहस और दृढ़ संकल्प के साथ एक नई राह चुनी।
सोनी की यह कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह उन महिलाओं के लिए एक शक्तिशाली संदेश है जो अपने जीवन में चुनौतियों का सामना कर रही हैं। बताते चले कि बीते 8 मार्च को भारतीय सेना की अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) चेन्नई में एक भव्य समारोह में 24 महिला अफसर और 133 पुरुष कैंडिडेट्स ने अपनी सेवा शुरू की, जो देश की सेवा में अपनी नई यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। इस पासिंग आउट परेड में नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर की सोनी बिष्ट ने अपने सपनों को पूरा किया और सेना में शामिल हुईं। सोनी की कहानी विशेष है, क्योंकि उनकी शादी के महज एक महीने बाद ही उनके पति नीरज सिंह भंडारी की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
नीरज भंडारी एक सैनिक थे, और उनकी असामयिक मृत्यु के बाद, सोनी बिष्ट ने अपने पति के सपनों को पूरा करने के लिए एक साहसिक निर्णय लिया। उन्होंने अपने हौंसले को टूटने नहीं दिया और सेना में शामिल होने का फैसला किया, जो उनके पति के सपनों को पूरा करने का एक तरीका था। शनिवार को चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए) में आयोजित पासिंग आउट परेड में सोनी ने एक नई पहचान के साथ भाग लिया, जो एक विधवा की नहीं, बल्कि एक सशक्त और साहसी योद्धा की पहचान थी।
बता दें कि सोनी बिष्ट ब्रिगेड ऑफ गॉडस बटालियन के रिटायर्ड सूबेदार कुंदन सिंह की बेटी हैं। उनकी जिंदगी 6 जनवरी 2023 को 18 कुमाऊं रेजीमेंट के नीरज से शादी करने के महज एक महीने बाद पूरी तरह से बदल गई थी, जब उनके पति की दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। सोनी ने बताया कि , वीर नारी एंट्री के बारे में जानने के बाद, उनके पिता ने उन्हें इस चुनौतीपूर्ण रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। सोनी ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और साहस के साथ इस कठिन यात्रा को पूरा किया और आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स में अपनी जगह बनाई।